PCOD Reason’s: आज के समय में व्यस्त जीवन और खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई सारी समस्याएं शारीरिक तौर पर उत्पन्न हो रही हैं। हर कोई इससे परेशान है खास तौर पर महिलाएं जो घर से बाहर तक तो अपना काम अच्छे से संभाल लेती हैं मगर खुद की समस्या की बात जब आती तब वो नजरअंदाज कर देती है। यह छोटी-छोटी समस्याएं आगे चलकर बड़ी गंभीर बीमारी का रूप धारण कर लेती है। उन्हीं में से एक है PCOD यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज। यह समस्या आजकल महिलाओं में सामान्य हो गई हैं। लेकिन इस पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है, क्योंकि पीसीओडी से आपके शरीर में कई बदलाव आते हैं, जो पीरियड्स और प्रेग्नेंसी दोनों को प्रभावित करती है।
क्या है पीसीओडी?
पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में छोटी-छोटी गंठियां बनती हैं। यह महिलाओं में एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता से होने वाला विकार है, जो इरेगुलर पीरियड्स, दर्द, हार्मोनल असंतुलन, अंडाशय आकार में वृद्धि, गर्भधारण में दिक्कत का कारण बनती है। इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ एंड रिसर्च के मुताबिक हमारे देश में करीब 10% महिला आबादी पीसीओडी की समस्या से जूझ रही है। बता दें कि पहले इस समस्या को महिलाओं को ही सामना करना पड़ता था लेकिन अब 15 से 16 साल की लड़कियां भी पीसीओडी से ग्रसित हो रही हैं।
पीसीओडी के लक्षण
1. किसी भी महिला में मासिक चक्र के आने में विलंब या देरी।
2. बिना कोई कार्य किए ज्यादा थकान का महसूस होना।
3. चेहरे पर तैलीपन और मुंहासे का दिखाना।
4. अचानक वजन में बढ़ोतरी या वजन को घटाने में दिक्कत।
5. पीठ या चेहरे पर अत्यधिक बल का आना।
पीसीओडी होने के कारण
1. पोषण में कमी
जब शरीर को सही पोषण नहीं मिल पाता तो इससे हार्मोनल संतुलन बिगड़ता है और पीसीओडी की समस्या शुरू होती। इसलिए आप पीसीओडी को नियंत्रित करना चाहती हैं तो जंक फूड और शुगर से दूरी बना लें।
2. खराब नींद
व्यस्त जीवन शैली में लोगों को ना तो उठने का समय होता है ना सोने का। अक्सर उनमें नींद की प्रॉब्लम देखने को मिलती है। जिससे सेहत से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इससे बचने के लिए महिलाएं पूरी तरह से अच्छे से नींद लें ताकि उनकी हेल्थ पर किसी भी तरह का असर ना पड़े।
3. तनाव में रहना
किसी भी बीमारी के लिए तनाव सबसे घातक साबित होता है। जिससे हार्मोन संतुलन काफी बिगड़ जाते, इसलिए महिलाओं को तनाव से दूर रहना चाहिए ताकि आप अपने पॉजिटिविटी से पीसीओडी की समस्या को खत्म कर सकें।
4. खराब जीवनशैली
घंटे तक एक ही जगह बैठकर काम करने से वजन बढ़ता है। वजन बढ़ाने के कारण हार्मोन बिगड़ने शुरू हो जाते, जिसका असर महिलाओं के फर्टिलिटी पर पड़ता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।