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जानिए Delivery के बाद कैसे रखना है खुद का ध्यान

हैल्थ: डिलीवरी का समय एक महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी चरण होता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और इमोशनल लेवल पर भी बदलाव लाता है। जब एक महिला बच्चे को जन्म देती है, तो उसका शरीर कई प्रकार के परिवर्तन से गुजरता है।

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Saniya Naaz
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Precautions to be taken for 40 days after delivery

(Image credit: Pinterest)

Delivery Precautions: डिलीवरी का समय एक महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी चरण होता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और इमोशनल लेवल पर भी बदलाव लाता है। जब एक महिला बच्चे को जन्म देती है, तो उसका शरीर कई प्रकार के परिवर्तन से गुजरता है, जिससे उसकी सेहत और बच्चे की देखभाल दोनों प्रभावित होती हैं। डिलीवरी के बाद की पहली 40 दिन की अवधि को "लोचिया" कहा जाता है। इस समय में, माँ के शरीर को दोबारा बैलेंस करने, ठीक होने और नवजात के साथ संबंध स्थापित करने का समय मिलता है। ताकि माँ अपनी सेहत को ठीक कर सके और नवजात की देखभाल सही तरीके से कर सके।

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डिलीवरी के बाद 40 दिन तक जरूर बरतनी चाहिए ये सावधानियां

1. आराम करें

डिलीवरी के बाद माँ का शरीर थका हुआ होता है, और उसे ठीक होने के लिए पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। यह समय न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक संतुलन के लिए भी आवश्यक है। जितना संभव हो, आराम करें और नींद पूरी करें। परिवार के सदस्यों से मदद लें ताकि आप अपने आराम का समय निकाल सकें।

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2. बैलेंस डाइट लें

डिलीवरी के बाद न्यूट्रीशन का खास ध्यान रखना चाहिए। बैलेंस आहार का सेवन करना आवश्यक है, जिसमें फलों, हरी सब्जियों, दालों, अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों। यह न केवल माँ की सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि दूध की क्वालिटी में भी सुधार करता है। इसके अलावा, शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है, इसलिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

3. इन्फेक्शन से बचाव

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इस समय में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। हाथ धोने की आदत डालें, खासकर जब आप नवजात को छूते हैं या उसे दूध पिलाते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें, जैसे नियमित स्नान करना और साफ कपड़े पहनना।

4. डॉक्टर की सलाह का पालन करें

डॉक्टर द्वारा दिए गए चेकअप और सलाह का पालन करना न भूलें। नियमित चेकअप से आपको अपनी सेहत की स्थिति का पता चलता है और किसी भी समस्या का समय पर इलाज किया जा सकता है। यदि कोई दवाई दी गई है, तो उसे समय पर लें और किसी भी साइड इफेक्ट्स पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।

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5. मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें

डिलीवरी के बाद कई महिलाएँ भावनात्मक तनाव का सामना करती हैं। अपने मनोबल को बनाए रखने के लिए परिवार और दोस्तों से बातचीत करें। पॉजिटिव सोच रखें और तनाव को दूर करने के लिए ध्यान और योग का सहारा लें।

6. शारीरिक एक्टिविटीज

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हल्की-फुल्की शारीरिक एक्टिविटीज करना बहुत जरूरी है। घर के चारों ओर चलना या हल्का व्यायाम करना ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। लेकिन भारी व्यायाम और अत्यधिक मेहनत से बचें। शरीर को धीरे-धीरे अपने सामान्य कार्यों में लाने दें।

7. फीडिंग 

नवजात के लिए फीडिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह बच्चे के विकास के लिए पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है। फीडिंग करते समय सही तकनीक का पालन करें ताकि यह आपके लिए और बच्चे के लिए सुखद अनुभव हो।

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8. समर्थन

परिवार और दोस्तों से सहयोग लें। नई महिलाओं के समूहों में शामिल होकर अनुभव साझा करें। यह न केवल आपको मानसिक रूप से सहारा देगा, बल्कि आपको अन्य महिलाओं से सीखने का भी अवसर देगा।

 

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