Pregnancy During Periods: महिलाओं के बीच यह गलतफ़हमी है कि पीरियड्स के दौरान बिना प्रोटेक्शन के भी संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी नहीं होती है, लेकिन क्या यह सच है? तो बता दें कि यह पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि पीरियड्स में पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी हो सकती है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम रहती है। यानि अगर आप पीरियड्स में बिना किसी प्रोटेक्शन के सेक्स करते हैं, तो प्रेग्नेंट होने की उम्मीद बढ़ जाती है।
कैसे हो सकती है महिलाएं पीरियड्स में प्रेग्नेंट?
महिलाओं का मेंस्ट्रूअल साइकिल 28 दोनों का रहता है और एग रिलीज होने की प्रक्रिया 12 से 14 दिन के आसपास होता है। यदि इस दौरान एग स्पर्म से मिलता है, तो गर्भधारण की चांसेस रहती है। कई बार महिलाओं में ओव्यूलेशन के दौरान भी ब्लीडिंग होती है, जिसे महिलाएं अक्सर पीरियड समझ बैठती हैं। ऐसे में अगर कोई महिला बिना प्रोटेक्शन का यौन संबंध बनाती है, तो प्रेग्नेंट होने का चांसेस कई गुना बढ़ जाता है। वहीं अगर कोई महिला पीरियड्स खत्म होने के दिनों में यौन संबंध बनाती है तो भी प्रेग्नेंसी का खतरा रहता है, क्योंकि पुरुषों द्वारा इजेकुलेशन के बाद महिला के शरीर में स्पर्म 72 घंटे तक जीवित रहता है। इन सब तथ्य के अलावा यह भी सच है कि पीरियड्स में प्रेग्नेंसी की उम्मीद बहुत कम रहती है।
प्रेग्नेंसी की उम्मीद कब रहती है ज़्यादा?
अगर किसी महिला का मासिक धर्म चक्र साइकल छोटा हो यानि 19 से 22 दिनों तक का हो तो ऐसे में किसी भी समय यौन संबंध बनाने से महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। वहीं, ध्यान रहें कि पीरियड्स शुरू होने के एक सप्ताह पहले और बाद के 6 दिन प्रेग्नेंसी कंसीव करने की चांसेस ना के बराबर रहती है। जिनका मासिक धर्म चक्र 28 दिन का रहता है, उनमें पीरियड्स खत्म होने के बाद 10 से 17 दिनों तक कंसीव करने की प्रक्रिया ज़ल्दी होती है, लेकिन 17 दिन गुजर जाने के बाद प्रेग्नेंसी के चांसेस कम हो जाते हैं। इसी वजह से प्रेग्नेंसी के लिए ओव्यूलेशन को सबसे सही समय माना जाता है। हालांकि हर महिला में ओव्यूलेशन का समय अलग रहता है। यह उनके पीरियड्स साइकल के समय पर निर्भर करता है। प्रेग्नेंसी कंसीव करने के लिए आपका जानना बहुत जरूरी है कि आपका ओव्यूलेशन का समय कब है? ताकि आप उसी अनुसार शारीरिक संबंध बनाकर प्रेग्नेंट होने का प्लान कर सकते हैं, क्योंकि उसे दौरान अंडे फैलोपिन ट्यूब में रहते हैं।
कैसे समझें ओव्यूलेशन समय को?
आप कुछ लक्षणों के मदद से ओव्यूलेशन की पुष्टि कर सकती है। इस दौरान शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। आपके शरीर से जैल की तरह एक तरल पदार्थ निकलना शुरू हो जाता है। यह आमतौर पर पीरियड शुरू होने के दो सप्ताह पहले होता है। डिस्चार्ज होते ही ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, साथ ही आपको अन्य लक्षण जैसे- ब्रेस्ट का आकार बढ़ना, पेट में थोड़ा दर्द महसूस होना, बर्ताव में परिवर्तन आना आदि भी दिखता है।
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