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प्रेगनेंसी प्लानिंग और फर्टिलिटी अवेयरनेस सही समय और तरीके

प्रेगनेंसी प्लानिंग और फर्टिलिटी अवेयरनेस गर्भधारण के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो सही समय और तरीके अपनाने से आपके सफल गर्भधारण की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।

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Pushpa Chauhan
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Pregnancy Planning And Fertility Awareness Right Time And Methods: प्रेगनेंसी प्लानिंग और फर्टिलिटी अवेयरनेस गर्भधारण के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो सही समय और तरीके अपनाने से आपके सफल गर्भधारण की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। प्रेगनेंसी प्लानिंग और फर्टिलिटी अवेयरनेस के बारे में जानकारी होना उन महिलाओं और दंपतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो परिवार नियोजन की तैयारी कर रहे हैं। सही समय और तरीके समझकर गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

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प्रेगनेंसी प्लानिंग और फर्टिलिटी अवेयरनेस  सही समय और तरीके

 1. फर्टिलिटी अवेयरनेस (Fertility Awareness)

फर्टिलिटी अवेयरनेस का मतलब है कि आप अपने मासिक चक्र (मासिक धर्म) के दौरान कब आप सबसे अधिक फर्टाइल (उपजाऊ) होती हैं, यह समझ सकें। इसका सही ज्ञान गर्भधारण के लिए सही समय चुनने में मदद करता है।

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महत्वपूर्ण फर्टिलिटी संकेत

मासिक चक्र की लंबाई: एक सामान्य चक्र 28 दिनों का होता है, लेकिन यह 21 से 35 दिनों तक का हो सकता है। ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) सामान्यतः चक्र के मध्य में होता है, यानी लगभग 14वें दिन। यह समय गर्भधारण के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT): ओव्यूलेशन के समय शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा बढ़ जाता है। इसे मापकर आप अपने फर्टाइल दिनों का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
सर्वाइकल म्यूकस (गर्भाशय ग्रीवा का बलगम): ओव्यूलेशन के समय सर्वाइकल म्यूकस गाढ़ा और फिसलन वाला होता है। यह भी एक संकेत है कि आप फर्टाइल हैं।

 2. सही समय

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फर्टाइल विंडो (Fertile Window): ओव्यूलेशन के दिन और उससे पहले के 4-5 दिन आपकी फर्टाइल विंडो होते हैं। इस समय के दौरान गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है।
मासिक चक्र के हिसाब से: यदि आपके मासिक चक्र नियमित हैं, तो आप ओव्यूलेशन के समय का अनुमान लगाकर गर्भधारण के लिए सही समय का चयन कर सकते हैं।
कैलेंडर मेथड: पिछले कुछ महीनों के मासिक चक्र की लंबाई को नोट करके आप अपना औसत चक्र समझ सकते हैं, जिससे ओव्यूलेशन के दिन का अनुमान लगाया जा सकता है।

 3. प्रेगनेंसी प्लानिंग के तरीके

1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

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   पोषण से भरपूर आहार: हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स, और डेयरी उत्पाद जैसे कैल्शियम, फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर आहार लें।
   वजन नियंत्रण: आदर्श वजन बनाए रखें, क्योंकि बहुत अधिक या बहुत कम वजन फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है।
   धूम्रपान और शराब से बचें: ये दोनों आदतें फर्टिलिटी और गर्भधारण पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

2. हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखें

    तनाव कम करें, क्योंकि यह हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।
   अगर कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे थायरॉयड या पीसीओएस, तो डॉक्टर से सलाह लें।

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3. चिकित्सक से सलाह लें

   फर्टिलिटी जांच: यदि लंबे समय से कोशिश कर रहे हैं और गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो फर्टिलिटी टेस्ट करवाएं।
   फोलिक एसिड का सेवन शुरू करें: प्रेगनेंसी की योजना बना रही महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स लेना चाहिए।

 4. सहायक तकनीकें

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ओव्यूलेशन किट्स: ये किट्स आपके मूत्र में ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (LH) के स्तर को मापकर ओव्यूलेशन के समय का संकेत देते हैं।
फर्टिलिटी एप्स: इन एप्स में आप अपने मासिक चक्र का डेटा दर्ज कर सकती हैं, जो आपके फर्टाइल दिनों की गणना कर सकता है।

 5. गर्भधारण के समय क्या करें

 यौन संबंध समय पर और नियमित रूप से बनाएं, खासकर फर्टाइल विंडो के दौरान। स्वस्थ आहार का पालन करें, तनाव को कम करने के लिए योग या ध्यान करें, और पर्याप्त नींद लें। प्रेगनेंसी प्लानिंग के लिए फर्टिलिटी अवेयरनेस का सही ज्ञान और सही तरीके अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल गर्भधारण के समय को बढ़ाता है, बल्कि एक स्वस्थ गर्भावस्था की शुरुआत भी सुनिश्चित करता है।

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