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Menstrual Cup: मेन्स्ट्रुअल कप के फायदे और नुकसान

मेन्स्ट्रुअल कप एक छोटा, घंटी आकार का कप है, जो महिलाएं अपनी योनि में अपने पीरियड के दौरान रखती हैं। यह कप खून को इकट्ठा करता है, जैसे कि सैनिटरी पैड या टैम्पॉन करते हैं।

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Kumkum
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Menstrual Cup

(Image Credit - Unsplash)

Pros And Cons Of Menstrual Cup: मेन्स्ट्रुअल कप एक छोटा, घंटी आकार का कप है, जो महिलाएं अपनी योनि में अपने पीरियड के दौरान रखती हैं। यह कप खून को इकट्ठा करता है, जैसे कि सैनिटरी पैड या टैम्पॉन करते हैं। यह कप सिलिकॉन, रबर, या प्लास्टिक का बना होता है, और आमतौर पर पुन: प्रयोग करने योग्य होता है। महिलाएं बस कप को खाली करती हैं, पानी और साबुन से धोती हैं, और फिर से लगाती हैं। कुछ ब्रांड डिस्पोजेबल भी होते हैं, तो उन्हें एक बार या हर महीने फेंक दिया जाता है। एक महिला इसका पुन: प्रयोग करने योग्य कप को 6 से 12 घंटे तक लगाकर रख सकती है, उसके बाद उसे निकालकर और धोकर लगाना होता है। जिनका रक्तस्राव अधिक होता है, उन्हें अपना कप अधिक बार खाली करना होगा। 

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मेन्स्ट्रुअल कप के फायदे और नुकसान

मासिक धर्म कप के फायदे

1. अधिक रक्षा

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मेंस्ट्रुअल कप को एक बार में 15 से 30 मिलीलीटर तक रक्त समाहित करने की क्षमता होती है, जो सैनिटरी पैड या टैम्पॉन से अधिक होती है। इससे लीकेज की संभावना कम होती है और आपको बार-बार बदलने की जरूरत नहीं होती है।

2. अधिक आराम

मेंस्ट्रुअल कप को योनि के अंदर फिट करने के बाद आपको इसका एहसास नहीं होता है। यह आपकी गतिविधियों को प्रभावित नहीं करता है और आप इसे लगाकर व्यायाम, नृत्य, तैरना या कोई भी काम कर सकती हैं।

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3. अधिक स्वच्छता

मेंस्ट्रुअल कप को रक्त को सोखने के बजाय इकट्ठा करने का काम करता है। इससे योनि में बैक्टीरिया का विकास नहीं होता है और बदबू या खुजली जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।

4. अधिक बचत

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मेंस्ट्रुअल कप को बार-बार खरीदने की जरूरत नहीं होती है। यह एक बार में लगभग 10 साल तक चलता है, अगर आप इसे सही तरीके से रखें और साफ करें। इससे आपको पैसे बचाने के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाने में मदद मिलती है, क्योंकि इससे कचरे का उत्पादन कम होता हैं।

मेंस्ट्रुअल कप के नुकसान 

1. दर्द और असुविधा

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कुछ महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप को इंसर्ट और रिमूव करने में दर्द और असुविधा होती है। यह आकार, फिटिंग और लगाने की तकनीक पर निर्भर करता है। अगर कप बहुत बड़ा या छोटा हो, तो यह लीकेज, चोट या इंफेक्शन का कारण बन सकता है। इसलिए, सही साइज का कप चुनना और इसे सावधानी से लगाना जरूरी है।

2. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)

मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया का विकास हो सकता है, जो UTI का कारण बन सकता है। यह तब होता है जब कप को बहुत देर तक लगाए रखा जाए या कप को साफ और स्टेरलाइज्ड नहीं किया जाए। UTI के लक्षण में पेशाब करते समय जलन, दर्द, बुखार और रक्त शामिल हैं। अगर ऐसा हो, तो कप का इस्तेमाल बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।

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3. वैजाइनल इरिटेशन और एलर्जी

कुछ महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप के मटेरियल से एलर्जी या इरिटेशन हो सकता है, जो खुजली, रैशेज, सूजन या दर्द का कारण बन सकता है। यह आमतौर पर सिलिकॉन या लेटेक्स से बने कप से होता है। अगर ऐसा हो, तो कप का इस्तेमाल बंद कर दें और अन्य मटेरियल के कप का चयन करें। इन नुकसानों को रोकने के लिए, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे:- कप को हर 8-12 घंटे में बदलें और इसे गर्म पानी और साबुन से अच्छी तरह साफ करें।

चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

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