Pelvic Pain Causes: पैल्विक दर्द एक कठिन और अक्सर परेशान करने वाला लक्षण है जो अक्सर महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है लेकिन यह ज्यातादर महिलाओं में होने वाली समस्या है। इस समस्या का अनुभव कई तरीकों से हो सकता है, हल्की असुविधा से लेकर कमजोर करने वाले दर्द तक और इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं। सही मैनेजेमेंट और राहत के लिए पेल्विक दर्द के करणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। आइये इस आर्टिकल के माध्यम से हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि पेल्विक एरिया में होने वाले पेन के क्या कारण हो सकते हैं।
पेल्विक फ्लोर में दर्द होने के कुछ कारण
1. पीरियड क्रैम्पस (Menstrual Cramps)
पीरियड क्रैम्पस, जिसे मेडिकल लैंग्वेज में कष्टार्तव कहा जाता है, पीरियड वाली महिलाओं में पैल्विक दर्द का एक प्रचलित कारण है। ये ऐंठन मासिक धर्म के दौरान गर्भाशय के संकुचन के कारण होती है, जिससे पेल्विक क्षेत्र में असुविधा और दर्द होता है।
2. पेल्विक सूजन रोग (Pelvic Inflammatory Disease)
पेल्विक सूजन रोग (पीआईडी) महिला प्रजनन अंगों का एक इन्फेक्सन है, जो आमतौर पर क्लैमाइडिया या गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के कारण होता है। पीआईडी के परिणामस्वरूप गंभीर पेल्विक दर्द हो सकता है, साथ ही असामान्य वजाइनल डिस्चार्ज और बुखार जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं और अगर इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है।
3. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस एक पुरानी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के बाहर गर्भाशय की परत के समान टिसूज की वृद्धि होती है। यह गलत स्थान पर रखा गया ऊतक सूजन, घाव और पैल्विक दर्द का कारण बन सकता है, खासकर पीरियड के दौरान। एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में बांझपन का एक प्रमुख कारण है।
4. यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन (Urinary Tract Infection)
मूत्र पथ में संक्रमण, जैसे कि मूत्राशय या मूत्रमार्ग में संक्रमण, पैल्विक असुविधा और दर्द का कारण बन सकता है, अक्सर यूरिन सम्बंधी लक्षणों जैसे बार-बार पेशाब आना और पेशाब के दौरान जलन होना। यूटीआई की जटिलताओं को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के साथ शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है।
5. गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids)
गर्भाशय फाइब्रॉएड गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि हैं जो गर्भाशय में विकसित होती हैं। जबकि गर्भाशय फाइब्रॉएड वाली कई महिलाओं को कोई लक्षण अनुभव नहीं होता है, लेकिन कईयों को फाइब्रॉएड के आकार और स्थान के आधार पर पैल्विक दर्द, भरी पीरियड फ्लो और मूत्राशय या मलाशय पर दबाव हो सकता है।
6. पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Congestion Syndrome)
पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस) तब होता है जब पेल्विक क्षेत्र में वैरिकाज़ नसें विकसित हो जाती हैं, जिससे क्रोनिक पेल्विक दर्द होता है, खासकर उन महिलाओं में जो कई गर्भधारण कर चुकी हैं। पीसीएस लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से खराब हो सकता है और पैरों को ऊपर उठाने पर इसमें सुधार हो सकता है।
7. पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स (Pelvic Organ Prolapse)
पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स तब होता है जब पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे मूत्राशय, गर्भाशय या मलाशय जैसे पेल्विक अंग वजाइना कनाल में आने लगते हैं। इससे पैल्विक असुविधा, दबाव और कुछ मामलों में, मूत्र या आंत्र संबंधी लक्षण हो सकते हैं।
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