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Photograph: (File Image )
Reducing Risk of Gestational Diabetes during Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज एक आम समस्या है जो महिलाओं को प्रभावित कर सकती है। जेस्टेशनल डायबिटीज एक प्रकार का मधुमेह है जो प्रेग्नेंसी के दौरान विकसित होता है और आमतौर पर प्रसव के बाद ठीक हो जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण महिला के रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ सकता है, जो गर्भ और शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षणों में अधिक प्यास लगना, अधिक यूरीनेशन, और थकान महसूस करना शामिल हो सकते हैं। जेस्टेशनल डायबिटीज का पता लगाने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से रक्त परीक्षण करवाना चाहिए। जेस्टेशनल डायबिटीज के उपचार में आहार और व्यायाम में बदलाव करना, और यदि आवश्यक हो तो इंसुलिन या अन्य दवाओं का उपयोग करना शामिल हो सकता है।जेस्टेशनल डायबिटीज के प्रबंधन में स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं को अपने आहार में शर्करा और वसा की मात्रा कम रखनी चाहिए और अधिक फल, सब्जियां, और साबुत अनाज खाना चाहिए। नियमित व्यायाम करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।जेस्टेशनल डायबिटीज के प्रबंधन में नियमित रूप से रक्त शर्करा की जांच करना और अपने डॉक्टर के साथ नियमित रूप से परामर्श करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रेगनेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कैसे कम करें
आइए जानते हैं प्रेगनेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कैसे कम कर सकते हैं
1.स्वस्थ आहार
स्वस्थ आहार लेना जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और लीन प्रोटीन शामिल करें। शर्करा और वसा की मात्रा कम रखें और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें।
2.नियमित व्यायाम
नियमित व्यायाम करना जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित व्यायाम जैसे कि चलना, तैरना, और योग करना उचित है।
3.वजन प्रबंधन
वजन प्रबंधन जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। प्रेगनेंसी से पहले और दौरान स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। वजन बढ़ने की दर को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करना आवश्यक है।
4.पर्याप्त नींद
पर्याप्त नींद लेना जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त नींद न लेने से रक्त शर्करा के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
5.नियमित स्वास्थ्य जांच
नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से अपने डॉक्टर के साथ परामर्श करना और रक्त शर्करा की जांच करवाना आवश्यक है। इससे जेस्टेशनल डायबिटीज का पता लगाने और उसका प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है।