हमारे समाज में सेक्स को ख़राब माना जाता है, या कम से कम ख़राब दर्शाया ज़रूर जाता है। एडल्ट बच्चे घर पर सेक्स शब्द बोलने से डरते हैं, तब भी जब वे लिंग वाले सेक्स की बात कर रहे हो। माता पिता भी भारतीय समाज में सेक्स के बारे में बच्चों को कुछ नहीं सिखाते।
सेक्स को समाज ने नेगेटिव कैसे बनाई है?
- बच्चों को सेक्स एज्युकेशन से वंचित रख कर
- प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बच्चों को कुछ न सीखा कर, या बात करने से मना कर के
- प्री-मैरिटल सेक्स को गुनाह की तरह देख कर
- एडल्ट लड़की के रिलेशनशिप को ‘चक्कर’ कह कर
- औरत के कामयाबी में ‘बोस के साथ अफेयर किया होगा’ कह कर
- सेक्स से रिलेटेड चीज़ों को शर्म वाली बात कह कर
- लड़कियों को कहना की वे लड़कों से बात न करे
- पुरुष गाइनेकोलॉजिस्ट के पास जाने को ‘बेशर्मी’ मानकर
यह कुछ उदाहरण है की लोगों ने सेक्स को नेगेटिव कैसे बना दिया। पर क्या सेक्स सच में खराब है? जी नहीं।
सेक्स को नेगेटिव मानना क्यों बंद करना चाहिए?
1. सेक्स प्रेम का एक्सप्रेशन है
केवल रोमांटिक नॉवेल या मूवी में नहीं, लगभग हर धर्म के शास्त्रों/पूज्य पुस्तक में सेक्स को प्रेम के एक्सप्रेशन के रूप में दर्शाया गया है। प्रेम एक पवित्र इमोशन है, तो उसका एक्सप्रेशन गलत कैसे हो सकता है?
ध्यान रहे कि अगर आपका पार्टनर आपसे इस फैक्ट को यूज करके कहे कि “अगर तुम मुझसे प्यार करते/करती तुम सेक्स से मना नहीं करती”, तो उस इंसान से दूरी बनाए। सेक्स तभी सही है जब आप चाहें, न की किसी और के दबाव पर। इमोशनल ब्लैकमेल पर सेक्स रेप होता है, भारतीय संविधान के तहत।
2. सेक्स सेहत के लिए अच्छा है
हालांकि सेक्स न करने से आपको कोई हानि नहीं पहुंचेगी, एक एडल्ट व्यक्ति को सेक्स की आवश्यकता होती है। रेगुलर सेक्स से आपके सेहत को पहुँच सकता है। आपके हार्मोन रेग्युलेटेड रहते हैं, आपके स्ट्रेस लेवल कम होते हैं, नींद अछि आती है, और कुछ कैलोरी भी बर्न होते हैं।
3. पार्टनर से इमोशनल क्लोसनेस
सेक्स आपको अपने पार्टनर के करीब महसूस करवा सकता है। इससे आपका रिलेशनशिप मज़बूत हो सकता है। यह रिलेशनशिप संभालने के लिए ज़रूरी नहीं है, बीएस एक अडिश्नल बेनिफिट है।
4. आपके दिल के लिए अच्छा है
हम वैलेंटाइन्स डे वाले दिल की बात नहीं कर रहे है, हम आपके शरीर के दिल की बात कर रहे हैं। रिसर्च के अनुसार जो लोग महीने में एक बार से कम सेक्स करते हैं, उन्हें दिल की बीमारी की चांस बढ़ जाती है।
5. सेक्स के बिना हम नहीं होते
बच्चे भगवान का रूप माने जाते हैं, तो बच्चे पैदा करने के प्रोसेस को नेगेटिव तरीके से कैसे देखा जा सकता है? सच तो यह है की अगर सेक्स गलत होता तो दुनिया से इंसान गायब हो चुके होते।
6. सेक्स एजुकेशन की कमी
सेक्स के बारे में बात न कर के हम सेक्स एजुकेशन और जागरूकता की कमी पैदा करते हैं, जिससे बहुत सारे सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। रेप सेक्स एजुकेशन की कमी के कारण होता है। कई लोग सेक्सुअल डिस्फंक्शन से पीड़ित होते हैं पर डॉक्टर के पास जाने से घबराते हैं। इन सारी समस्याओं का जड़ है सेक्स को टैबू मानना।