पीरियड्स नियमित रूप से होने वाली प्रक्रिया है जो महिलाओं में होती है। यह प्रक्रिया महिला रिप्रोडक्टिव प्रणाली का एक हिस्सा है। जब तक पीरियड्स सुसंगत हैं, चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि, कुछ महिलाएं में एब्नार्मल पीरियड्स की समस्या काफी कॉमन हो गयी है।
एब्नार्मल पीरियड क्या है?
ज्यादातर महिलाओं में पीरियड्स चार से सात दिनों के बीच रहता है। वास्तव में, एक महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल चक्र आदर्श रूप से 21 दिनों से 35 दिनों के बीच हो सकता है। इसलिए, यदि आप अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल में किसी भी बदलाव का अनुभव करती हैं, तो यह एकएब्नार्मल पीरियड्स का संकेत है और आपको डॉक्टर को रिपोर्ट करने की आवश्यकता हो सकती है।
Signs Of Abnormal Periods: एब्नार्मल पीरियड्स के लक्षण -
1. 2 दिन से काम या 7 दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग
नार्मल पीरियड साइकिल कम से कम 4 से 7 दिनों का होता है। लेकिन यदि आपको एब्नार्मल पीरियड्स की शिकायत है तो हो न हो आपके पीरियड ब्लीडिंग पर इसका असर होगा। अगर आपको 2 दिन से कम या 7 दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग हों अलगे तो ये एक खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। अगर आप भी इस तरह की समस्या से गुजर रहें है तो देर बिलकुल भी न करें और फ़ौरन डॉक्टर से चेकअप कराएं।
2. मेंस्ट्रुअल साइकिल है डिस्टर्ब
आमतौर पर सामान्य महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का होता है लेकिन अगर आपको पीरियड के साइकिल कुल 35 से 40 दिन देर से आए या पीरियड साइकिल 20 दिनों से पहले ही आजाये तो समझ लें कि पीरियड्स लेट होने के कारण आपको एब्नार्मल पीरियड की शिकायत है।
3. पूरी तरह से भीगे हुए पैड या टैम्पोन को हर 3 घंटे में बदलना
अगर पीरियड में आपको हर 3 घंटे में पैड या टैम्पोन बदलना पड़ रहा है तो सतर्क हो जाएँ। हालाँकि पीरियड्स में लम्बे समय तक पैड या नैपकिन यूज़ नहीं करना चाहिए क्यूंकि इससे इन्फेक्शन का खतरा होता है। इसीलिए समय समय पर इससे बदलते रहना चाहिए। अगर आपको हर 3 घंटे में पैड बदलने पर काफी हैवी फ्लो का अंदाज़ा हो रहा है तो शायद ये एब्नार्मल पीरियड्स हो सकते हैं।
4. ज्यादा ब्लड क्लॉट्स का होना
पीरियड्स ब्लीडिंग में ज्यादा ब्लड क्लॉट्स का पास होना भी एब्नार्मल पीरियड के साइन है। वैसे तो पीरियड्स में खून के थक्के आना एक सामान्य बात होती है लेकिन इनकी मात्रा बढ़ने का मतलब खतरे की घंटी भी हो सकता है। इस समस्या को चरण डॉक्टर से जांच कराएं।
5. स्पॉटिंग बिल्कुल न होना
स्पॉटिंग को सैनिटरी पैड के बजाय पेंटीलाइनर से प्रबंधित किया जा सकता है। असल में जब आपका पीरियड 4 या 5 दिनों बाद कम हो जाता है तो उस स्टेज में आपको स्पॉटिंग होती है। लेकिन कई बार ब्रैस्ट फीडिंग या अन्य किसी वजह से स्पॉटिंग या तो ज्यादा होने लगती है या होती ही नहीं है।