Smoking Side-effects For Women: भारत एक डेमोक्रेटिक कंट्री है जहां महिलाएं और पुरुष दोनों को बराबर का अधिकार मिला है, कुछ महिलाओं को धूम्रपान करने की लत लग गई है। डॉक्टर और रिसर्च द्वारा माना गया है कि धूम्रपान का शरीर पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रिसर्च से पता चला है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) विभिन्न भौगोलिक स्थानों में महिलाओं के बीच भारी अंतर को नोट करता है क्योंकि यह बताता है कि "विकसित देशों में 22 प्रतिशत महिलाएं और विकासशील देशों में 9 प्रतिशत महिलाएं तम्बाकू धूम्रपान करती हैं"। तो आइए हेल्थ ब्लॉग में हम जाने महिलाओं के लिए धूम्रपान करने के 5 नुकसान।
Smoking Side Effects: धूम्रपान करने से महिलाओं को हो सकते हैं यह 5 नुकसान
1. ब्रेस्ट पर असर
बहुत सी महिलाएं धूम्रपान करती है, वे नहीं सोचती कि धूम्रपान करने से ब्रेस्ट और स्थन पर भी प्रभाव पड़ता हैं। ब्रेस्ट के अंदर इन्फेक्शन होना धूम्रपान करने वाली औरतों में बहुत ज्यादा देखा जाता है और ये ऐसी इन्फेक्शन होती है जो जल्दी ठीक नहीं होती क्योंकि दूध नालियों के आकार में धूम्रपान का धुआं एक ऐसा बदलाव लाता है जिसकी वजह से ब्रेस्ट के अंदर पस बननी शुरू हो जाती है और वो पस बन-बन के स्किन के थ्रू बाहर आती है किसकी वजह से ब्रेस्ट का आकार बदल जाता है।
2. धूम्रपान करने से आंखों की रोशनी कम हो सकती
धूम्रपान करने वाले महिला या पुरुष की आंखों पर भी प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान से निकलने वाली धुआं आंखों की रोशनी को कम करने लगता है और साथ ही मनुष्य की आंखों की रोशनी छीन सकती है और आसपास के लोगों के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है।धूम्रपान करने वाले महिलाओं के आंखों में मोतियाबिंद आने लगती है इसकी वजह से उनकी आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
3. प्रेग्नेंट महिला के बच्चे पर असर
प्रेग्नेंट महिलाएं के बच्चे पर धूम्रपान का असर होता है। धूम्रपान करने से लॉन्गस, फर्टिलिटी, एग को खराब करते हैं। कई बार देखा गया है कि वाइफ धूम्रपान नहीं कर रही होती पर उसका हस्बैंड कर रहा होता है तो वैसे में बच्चे पर असर पड़ता है। धूम्रपान के कारण लोगों को कैंसर से भी छोड़ना पड़ता है।
4.धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर
धूम्रपान करना से महिलाएं के फेफड़े का कैंसर के लिए मुख्य कारण है। डॉक्टर द्वारा कहा गया है कि लगभग 90 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है। धूम्रपान करने वाली महिलाएँ को पुरुषों के मुकाबले फेफड़ों के कैंसर का ख़तरा अधिक है। किसी भी उम्र में, धूम्रपान छोड़ने या धूम्रपान से बचने से आपके फेफड़ों के कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है।
5.धूम्रपान करने से डिमेंशिया
धूम्रपान करने वाले दोनों पुरुष और महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की संभावना अधिक होती है और बाद के वर्षों में मानसिक पतन का अनुभव भी कर सकते हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटीन मस्तिष्क के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की शुरूआत को बढ़ाता है। इसके अलावा, धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले में समय के साथ अवसाद, घबराहट संबंधी विकार या सिज़ोफ्रेनिया विकसित होने की अधिक संभावना है।
Disclaimer: यह सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।