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PCOD और pregnancy से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

हैल्थ: आजकल महिलाओं में पीसीओडी (पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) की समस्‍या बहुत देखी जा रही है और इसके कारण उन्‍हें प्रेगनेंट होने में दिक्‍कत आ रही है।

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Saniya Naaz
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Some important things related to PCOD and pregnancy

(Image credit: Pinterest)

PCOD and pregnancy: आजकल महिलाओं में पीसीओडी (पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) की समस्‍या बहुत देखी जा रही है और इसके कारण उन्‍हें प्रेगनेंट होने में दिक्‍कत आ रही है। PCOS एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जो ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट का निर्माण करता है और इसका प्रभाव हार्मोनल इंबैलेंस, इरेगुलर menstruation और Fertility पर पड़ सकता है। इसलिए पीसीओडी से ग्रस्‍त महिलाओं को कंसीव करने में दिक्‍कत आती है और उनकी बॉडी में कंसीव करने के लिए जरूरी हार्मोंस नहीं बन पाते हैं।

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PCOS और प्रेगनेंसी का रिश्ता

1. हार्मोनल इंबैलेंस

PCOS में हार्मोनल इंबैलेंस के कारण महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन जैसे एण्ड्रोजेन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे ovary से अंडा निकलने की प्रक्रिया (ओवुलेशन) प्रभावित होती है। यह अनियमित मासिक धर्म और अंडा निषेचन (fertilization) में बाधा डाल सकता है, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।

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2. गर्भधारण की चुनौतियाँ

 PCOS वाली महिलाओं के लिए गर्भधारण में कठिनाइयाँ आम होती हैं। अनियमित ओवुलेशन के कारण अंडा फर्टिलाइजेशन की संभावना घट जाती है। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक इंसुलिन लेवल भी एक समस्या हो सकता है, जो रिप्रोडक्शन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

3. गर्भावस्था से जुड़े जोखिम

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अगर PCOS वाली महिला गर्भवती हो जाती है, तो गर्भावस्था के दौरान कुछ अतिरिक्त जोखिम हो सकते हैं, जैसे कि गर्भकालीन मधुमेह (gestational diabetes mellitus), हाई ब्लड प्रेशर और गर्भपात का खतरा। इन जोखिमों को कम करने के लिए नियमित प्रेगनेंसी चेकअप और डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता होती है।

4. उम्र और वजन

PCOD से प्रभावित महिलाओं में अधिक वजन और मोटापा एक सामान्य समस्या है। अधिक वजन हार्मोनल इंबैलेंस को और बढ़ा सकता है और गर्भधारण में रुकावट पैदा कर सकता है।

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प्रेगनेंसी के लिए सुझाव

1. स्वस्थ जीवनशैली

PCOD के मरीजों को अपनी जीवनशैली में सुधार करने की सलाह दी जाती है। इसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन शामिल हैं। इससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है और हार्मोनल इंबैलेंस को कम किया जा सकता है।

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2. मेडिकल ट्रीटमेंट

डॉक्टर प्रेगनेंसी के लिए आवश्यक हार्मोनल इलाज या दवाइयाँ जैसे कि क्लोमिफेन सिट्रेट या मेटफॉर्मिन की सलाह दे सकते हैं, जो अंडोत्सर्ग (ovulation) को नियमित करने में मदद करती हैं। इन दवाओं का उपयोग गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।

3. फर्टिलिटी क्लिनिक्स की सलाह

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अगर सामान्य उपचार से लाभ नहीं होता, तो फर्टिलिटी क्लिनिक्स की मदद ली जा सकती है। वे विशेष तकनीकों जैसे कि आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) का उपयोग कर सकते हैं।

4. स्वास्थ्य की नियमित निगरानी

 PCOD से प्रभावित महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयों और उपचार को जारी रखना चाहिए।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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