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Breast Cancer Photograph: (Freepik )
Some tips to identify breast cancer: महिलाओं में कई तरह की बीमारियों जन्म लेती हैं पर ब्रेस्ट कैंसर उनमें से सबसे खतरनाक है जिसमें जान का भी खतरा होता है। ब्रेस्ट कैंसर पहचानने के लिए हॉस्पिटल में तो कई मशीनें हैं पर अपनीसका पर घर पर भी लगा सकते हैं कुछ तरीकों की मदद से। ब्रेस्ट कैंसर का पता अगर समय पर चल जाए तो इससे इलाज में काफी मदद हो सकती है और इलाज बेहतर तरीके से किया जा सकता है। आजकल यह बीमारी दुनिया भर की औरतों में हो रही है जिसके लक्षण अक्सर महिलाएं अनदेखा कर देती हैं फिर अंजाम भुगतना पड़ जाता है। इसीलिए चलिए कुछ तरीके या लक्षण जानते हैं जिससे खुद पर किया जा सकते ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं।
ब्रेस्ट कैंसर पहचानने के लिए कुछ आसान तरीके
1. ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन
ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है खुद जांच करें। इसे हर महीने एक ही दिन पर करें, खासकर पीरियड्स के बाद, जब ब्रेस्ट में सूजन कम होती है। ब्रेस्ट को दोनों हाथों से ध्यान से महसूस करें और किसी भी अजीब गांठ, सूजन, दर्द, या किसी बदलाव को ढूंढें। अगर गांठ या कोई दूसरा बदलाव मिले, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. ब्रेस्ट में बदलाव पर ध्यान दें:
ब्रेस्ट के आकार, रूप या स्किन में कोई भी चेंज हो तो उसे नजरअंदाज न करें। ब्रेस्ट में गड्ढे, लालिमा, सूजन, खुजली, या दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं जो कैंसर का संकेत हो सकती हैं। निपल का आकार बदलना, या निपल से खून या अन्य किसी अजीब चीज़ का बाहर निकलना भी एक गंभीर लक्षण हो सकता है।
3. मामूली दर्द या असुविधा का ध्यान रखें:
ब्रेस्ट में मामूली दर्द का अनुभव होना आम है, लेकिन अगर यह दर्द लगातार बढ़ रहा है या किसी विशेष स्थान पर महसूस हो रहा है, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। दर्द के साथ ब्रेस्ट में गांठ या अन्य असामान्य बदलाव महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
4. मामूली गांठ की पहचान:
ब्रेस्ट में गांठ का होना ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख लक्षण हो सकता है। ये गांठ सामान्य रूप से दर्द रहित होती हैं, लेकिन अगर इनमें कोई चेंज होता है या दर्द होने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि समस्या बढ़ रही है।
5. ब्रेस्ट स्कैन और मैमोग्राफी:
यदि आप 40 साल से ऊपर हैं, तो नियमित रूप से मैमोग्राफी जांच करवाना शुरू करें। यह स्क्रीनिंग टेस्ट ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक प्रभावी तरीका है, खासकर जब ब्रेस्ट में कोई लक्षण नहीं होते हैं। मैमोग्राफी एक तरह का एक्सरे होता है जो स्पेशियली ब्रेस्ट कैंसर को पहचानने में मदद करता है जैसे कि गांठ, ट्यूमर।
6. परिवारिक इतिहास का ध्यान रखें:
यदि आपके परिवार में किसी महिला का ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास रहा है, तो आपको अधिक सतर्क रहना चाहिए। ऐसे मामलों में डॉक्टर से सलाह लेना और नियमित स्क्रीनिंग कराना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
7. चिकित्सक से नियमित जांच:
यदि आपको ब्रेस्ट कैंसर के कोई भी लक्षण महसूस हो, तो चिकित्सक से समय पर परामर्श लें। चिकित्सक आपके स्वास्थ्य की पूरी जांच करेंगे और यदि ज़रूरी हुआ तो आगे की जांच के लिए सुझाव देंगे।