एक नई रिसर्च में यह पता चला है कि जिन महिलाओं की प्रेगनेंसी में स्टिलबर्थ (मृतजन्म) या मिसकैरेज हो जाता है उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी लॉस और स्ट्रोक के बीच के संबंध हो स्पष्ट रूप से बताना मुश्किल है। क्योंकि इसके लिए बहुत सारी महिलाओं की प्रेगनेंसी का सर्वेक्षण करना पड़ता है।
ब्रिटिश मेडिकल जरनल टुडे के द्वारा संपादित our study ने प्रेगनेंसी लॉस और स्ट्रोक के बीच के संबंध को दिखाया है।
स्ट्रोक क्या है?
हमारे दिमाग तक खून पहुंचाने वाली ब्लड वेसल्स के रुक जाने या फट जाने से हमारे दिमाग तक खून का प्रवाह रुक जाता है। इसी समस्या को स्ट्रोक कहा जाता है। स्ट्रोक दो तरह के होते हैं।
- Fatal (जानलेवा स्ट्रोक)
- Non-fatal (जो जान नहीं लेता)
महिलाओं के शरीर में इनफर्टिलिटी, स्टिलबर्थ या मिसकैरिज होने की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। जो महिलाएं इस से नहीं गुजरती उनके मुकाबले इन महिलाओं में fatal stroke का खतरा 17% और nonfatal स्ट्रोक का खतरा 11% तक बढ़ जाता है।
स्ट्रोक के अलावा स्टिलबिर्थ या मिसकैरिज से एंडोक्राइन डिसॉर्डर, इन्फ्लेमेशन, ब्लड फ्लो, साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर, मोटापा, आदि समस्याएं भी हो सकती हैं।
रिसर्च के अनुसार
हमारी स्टडी 618,851 महिलाओं की जांच और सर्वेक्षण पर आधारित है। यह महिलाएं दुनिया के अलग-अलग 8 देशों में रहती हैं। इन सभी देशों में अलग-अलग स्टडी की जा रही है।
हमने जब इन महिलाओं को पहली बार अपनी स्टडी के लिए चुना था तब उनकी उम्र 32 से 72 साल के बीच थी। हमने लगभग 11 साल तक अपनी स्टडी की। कुल मिलाकर 16.2 प्रतिशत महिलाओं को मिसकैरेज हुआ था और 4. 6 प्रतिशत महिलाएं स्टिलबर्थ से गुजरी थी।
इस स्टडी के अनुसार जिन महिलाओं को स्टिलबर्थ या मिसकैरिज हुआ था। उन महिलाओं को जानलेवा स्ट्रोक का खतरा 17% बढ़ गया। और नॉन फटल स्ट्रोक का खतरा 11% तक बढ़ गया।
हर मिसकैरेज के बाद यह खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। अगर किसी महिला के साथ तीन बार मिसकैरेज हुआ है तो उसे इस स्ट्रोक होने का 35% से भी ज्यादा खतरा बढ़ जाता है।
स्टिलबर्थ से भी बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा
जो महिलाएं कभी भी प्रेग्नेंट हुई है। उनमें से जिन महिलाओं को स्टिलबर्थ हुआ है उनमें non-fatal स्ट्रोक का खतरा 31% तक बढ़ जाता है। और fatal स्ट्रोक का खतरा 7% तक बढ़ा हुआ देखने को मिलता है। जिन महिलाओं को दो या दो से ज्यादा बार स्टिलबर्थ हुआ है उनमें स्ट्रोक का खतरा 26% से भी ज्यादा होता है।
यह ऐसी पहली स्टडी है जो स्टिलबर्थ और स्ट्रोक के बीच के संबंध को स्पष्ट करती है। स्टिलबर्थ से न केवल स्ट्रोक का खतरा बल्कि ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है।
महिलाओं को और उनके डॉक्टर को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। और उन्हें महिलाओं के कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम का रेगुलर चेकअप जरूर करना चाहिए। इससे आपको होने वाले दिल की बीमारी या स्ट्रोक के खतरे के बारे में जानकारी मिल जाएगी और आप पहले से सावधान भी रहेंगे।