Symptoms of Hormonal Imbalance: क्या आपका मूड भी मौसम की तरह ही बदलता रहता है? क्या आपकी एनर्जी का लेवल कम है दरअसल ये सब चीजें जुड़ी है आपके हार्मोनल इंबैलेंसी से ये तब होता है जब आपके शरीर में एक या उससे ज़्यादा हार्मोन बहुत ज़्यादा या बहुत कम होते हैं। महिलाओं को अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान स्वाभाविक रूप से हॉरमोन के लेवल में उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है, जिसके साथ शारीरिक और इमोशनल सिंपटॉम्स भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं, हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से शरीर में क्या-क्या लक्षण नजर आ सकते हैं।
यहां 5 चेतावनी संकेत हैं जो बताते हैं कि आपके शरीर में हार्मोन इंबैलेंस हो सकता है
1. मूड स्विंग्स (Mood Swings)
हॉरमोन में गिरावट या उनके स्तर में तेज़ बदलाव मूड खराब होने और उदास होने का कारण बन सकते हैं। एस्ट्रोजन सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे प्रमुख ब्रेन केमिकल्स को प्रभावित करता है। लेकिन अन्य हॉरमोन, जो न्यूरोट्रांसमीटर के समान पथ पर चलते हैं, वे भी आपके महसूस करने के तरीके में भूमिका निभाते हैं।जैसे कि डिप्रेशन, चिंता या चिढ़चिढ़ापन।
2.वजन में बदलाव (Change in Weight)
हमारे शरीर के कई हार्मोन्स ऐसे होते हैं, जिनका प्रभाव हमारे मेटाबॉलिज्म पर होता है। थायरॉइड हार्मोन, कोर्टिसोल, एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स के इंबैलेंस होने की वजह से, कई बार हमारा वजन बढ़ने लगता है। अधिक वजन बढ़ना, आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। इसी तरह हार्मोन्स में बदलाव की वजह से, आपका मेटाबॉलिज्म अधिक तेज भी हो सकता है, अचानक वजन बढ़ना या घटना, विशेषकर बिना किसी आहार या व्यायाम में बदलाव के, हार्मोनल इंबैलेंस का संकेत हो सकता है।
3. त्वचा और बालों में बदलाव ( Skin and Hair Problem)
मुँहासे, अत्यधिक ऑयली स्किन, बालों का झड़ना या डेंसिटी में कमी हार्मोनल इंब्लेंस का संकेत हो सकते हैं। शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ने की वजह से एक्ने की समस्या हो सकती है। इस वजह से, त्वचा में मौजूद ऑयल ग्लैंड्स की वजह से स्किन के पोर्स क्लॉग हो जाते हैं और हार्मोन्स में बदलाव की वजह से, कई बार बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। यह खासकर,टेस्टोस्टेरोन के लेवल में बदलाव आने की वजह से होती है।
4.अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods)
यदि आपका menstruation साधारण समय (अक्सर 21-35 दिन) से अधिक या कम होता है या आपका menstruation महीनों तक नहीं आता है, तो यह हार्मोनल इंबैलेंस के कारण हो सकता है और जिससे महिलाओं में मासिक धर्म का अनियमित होना, अत्यधिक ब्लीडिंग, या पीरियड्स की लंबाई में परिवर्तन हार्मोनल इंबैलेंस का संकेत हो सकते हैं।
5.नींद न आना (Sleeping disorder)
आपको रात में अच्छी नींद लेने में परेशानी हो रही है, तो इसका कारण प्रोजेस्टेरोन या एस्ट्रोजन का कम स्तर हो सकता है, जो नींद में बाधा, रात में पसीना आना और गर्मी लगने का कारण बन सकता है। हमारी नींद को भी हमारे हार्मोन्स कंट्रोल करते हैं।
अगर इनमें से कोई भी संकेत लगातार दिखाई दे, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।