Turmeric Milk: हल्दी वाला दूध एक पारंपरिक घरेलू नुस्खा है, जिसे अक्सर सर्दी, खांसी, और शरीर की सूजन को कम करने के लिए पिया जाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता। क्योंकि यह उनकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि कौन से लोग हल्दी वाला दूध नहीं पी सकते और क्यों।
हल्दी वाला दूध पीने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
1. गर्भवती महिलाएं
गर्भवती महिलाओं को हल्दी वाले दूध से परहेज करना चाहिए, खासकर यदि वे इसे अधिक मात्रा में सेवन करती हैं। हल्दी में प्राकृतिक रूप से कुछ ऐसे गुण होते हैं जो गर्भाशय की मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। हल्दी का सेवन विशेष रूप से पहले तीन महीनों में हानिकारक हो सकता है। हालांकि, कम मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से हल्दी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन अधिक सेवन से बचना चाहिए।
2. लिवर की समस्या वाले लोग
जो लोग लिवर की समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए। हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (सूजन घटाने) गुण होते हैं, लेकिन यह लिवर के लिए ज्यादा काम कर सकता है, जिससे लिवर पर दबाव पड़ सकता है। खासतौर पर हेपेटाइटिस या अन्य लिवर रोगों से पीड़ित लोगों को हल्दी के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
3. ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाले लोग
हल्दी का दूध उन लोगों के लिए भी ठीक नहीं होता जो डायबिटीज़ या हाई ब्लड कोरोना में हल्दी दूध से बढ़ाएं इम्युनिटी की समस्या से ग्रसित हैं। हल्दी रक्त शर्करा को कम करने में मदद कर सकती है, लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह रक्त शर्करा के स्तर को अत्यधिक घटा सकता है, जिससे शारीरिक कमजोरी, चक्कर आना और हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा का अत्यधिक गिरना) हो सकता है। ऐसे में डायबिटीज़ वाले लोगों को हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
4. गैस्ट्रिक (पेट) की समस्याएं
जो लोग पेट के रोगों जैसे कि गैस्ट्रिक, अल्सर, एसिड रिफ्लक्स, या कब्ज से परेशान हैं, उन्हें हल्दी वाले दूध से परहेज करना चाहिए। हल्दी में तीव्र गुण होते हैं जो पेट में जलन पैदा कर सकते हैं। इसका अधिक सेवन पेट की समस्याओं को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा, हल्दी से पेट में दर्द और सूजन भी हो सकती है।
5. वक्त की दवाइयाँ लेने वाले लोग
हल्दी का दूध कुछ दवाओं के साथ मिलकर उनकी असर को बदल सकता है। जैसे, एंटीकोआगुलेंट (ब्लड थिनर) दवाओं का सेवन करने वालों को हल्दी से बचना चाहिए क्योंकि हल्दी में नैचुरल ब्लड थिनिंग गुण होते हैं, जो दवाइयों के असर को बढ़ा सकते हैं और खून बहने का खतरा पैदा कर सकते हैं।