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Image: (Freepik )
Things Related To Cervical Cancer That Women Should Know
सर्वाइकल कैंसर से हर वर्ष हजारों महिलाओं की जान जाती है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के केवल 2022 में ही दुनियाभर में 660,000 नए मामले सामने आए, वहीं लगभग 350,000 महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से हुई। यह आंकड़ा सोचने पर मजबूर करता है कि इस घातक बीमारी के प्रति भारत में जागरूकता कितनी जरूरी है और वो भी तब जब सर्वाइकल कैंसर के विश्वभर में से 21% मामले केवल भारत में हीं मौजूद हैं। हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिंस की माने तो सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर में दूसरा सबसे आम कैंसर है लेकिन समय रहते इसकी पहचान और उपचार करके इसे रोका जा सकता है। जानिए सर्वाइकल कैंसर से जुड़ी ये बातें जो आपको पता होनी चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर से जुड़ी जरूरी बातें
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की cervix यानी गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद कोशिकाओं में विकसित होता है जिससे cervix की ये कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और फैल जाती हैं। इसके होने का सबसे बड़ा कारण HPV (Human papillomavirus) संक्रमण माना जाता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण होता है।
लक्षणों को कैसे पहचाने?
सर्वाइकल कैंसर को शुरुआत में पहचानना आसान नहीं है लेकिन जैसे जैसे यह बढ़ने लगता है, कुछ लक्षण दिखते हैं जिन्हें नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इन लक्षणों में मुख्य है यौनी से असामान्य रक्तस्राव (vaginal bleeding)। अगर आपको यौन संबंध के बाद ब्लीडिंग होती हैं या महावारी के पहले या बीच में असामान्य ब्लीडिंग हो रही है, इसके अलावा पीरियड्स का लंबे समय तक न आना या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का होना, मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग का होना, पेल्विक pain का होना, टॉयलेट संबंधी समस्याएं जैसे कि टॉयलेट करते समय खून आना, जलन होना आदि समस्याओं के होने पर आपको चेकअप जरूर कराना चाहिए और डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
क्या आपने कभी जांच कराई?
सर्वाइकल कैंसर के लिए महिलाओं को 21 वर्ष की उम्र के बाद सर्वाइकल स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए। इसके लिए आप पैप टेस्ट, HPV टेस्ट करा सकती हैं। इसमें Pap Smear Test, जिसमें Cervix कोशिकाओं को लेकर उनकी जांच होती है। अगर आप 21 वर्ग की हैं तो आपको हर 3 साल में यह जांच जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा HPV टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए जरूरी होती है। HPV संक्रमण के लगभग 200 प्रकार होते हैं जिनमें से कुल 40 प्रकार सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं और इसमें भी सबसे ज्यादा दो प्रकारों HPV 16 और 18 को हाई-रिस्क संक्रमण माना जाता है। इसलिए 30 की उम्र के बाद से ही हर पांच साल में महिलाओं को कराना चाहिए। इसके अलावा आप 60 वर्ष की उम्र के बाद डॉक्टर से टेस्ट कराने की सलाह ले सकती हैं।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव कैसे?
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए आप कई कदम उठा सकती हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है टीकाकरण। भारत में हम बचपन से ही कई तरह की वैक्सीन लगवाते आए हैं लेकिन सर्वाइकल कैंसर के लिए भी वैक्सीनेशन होती है। इसके लिए HPV वैक्सीनेशन जो महिलाओं को 9 से 26 वर्ष की आयु में अवश्य लगवानी चाहिए। HPV वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर से बचाव में काफी ज्यादा मदद करता है। इसके साथ ही यौन संबंध के दौरान कंडोम का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। धूम्रपान करने से, ज्यादा गर्भनिरोधक दवाइयां लेने से भी सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने की समस्या हो सकती है इसलिए आपको इनसे बचना चाहिए।
भारत में सर्वाइकल कैंसर की जागरूकता के लिए कई कदम उठाए गए हैं। राज्य सभा सदस्य सुधा मूर्ति जी ने सर्वाइकल कैंसर की गंभीरता को देखते हुए यह मुद्दा बीते वर्ष असेंबली में उठते हुए कहा था कि, "हमें टीकाकरण को महिलाओं के लाभ के लिए बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि इलाज से बेहतर रोकथाम है।" इसके अलावा बीते वर्ष ही सोशल मीडिया पर पूनम पांडे का एक बोल्ड स्टेप भी सवालों और मुद्दे का विषय बना था जहां उन्होंने सर्वाइकल कैंसर से अपनी मौत की झूठी खबर सोशल मीडिया पर डाली थी। इस कदम के माध्यम से पूनम पाने ने समझाया था कि सर्वाइकल कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए जागरूकता कितनी जरूरी है क्योंकि यह तेजी से फैल रही है और हर वर्ष कितनी ही महिलाएं इस बीमारी से अपने जान गंवा रही हैं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।