Pregnancy Morning Sickness: प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस का सामना करना पड़ता है। यह आमतौर पर पहले तीन महीनों में होती है, लेकिन कुछ महिलाओं को यह समस्या पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान महसूस हो सकती है। आइए इस विषय को सरलता से समझते हैं।
मॉर्निंग सिकनेस क्या है?
मॉर्निंग सिकनेस का अर्थ है सुबह के समय होने वाली मतली और उल्टी। हालांकि इसे "मॉर्निंग" सिकनेस कहा जाता है, लेकिन यह दिन के किसी भी समय हो सकती है। इसके लक्षणों में हल्की मतली से लेकर गंभीर उल्टी तक शामिल हो सकते हैं।
मॉर्निंग सिकनेस के कारण
1. हार्मोनल परिवर्तन
प्रेग्नेंसी के दौरान सबसे बड़ा कारण हार्मोनल में चेंजेस होते हैं। जब एक महिला प्रेग्नेंसी होती है, तो उसके शरीर में कई हार्मोन जैसे कि ह्यूमन कॉरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) और प्रोजेस्टेरोन का स्तर तेजी से बढ़ता है। ये हार्मोन प्रेग्नेंसी को बनाए रखने में मदद करते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं में ये मतली का कारण बन सकते हैं। विशेष रूप से, hCG का स्तर पहली तिमाही में सबसे अधिक होता है, जिससे मतली बढ़ सकती है।
2. शारीरिक संवेदनशीलता
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की शारीरिक संवेदनशीलता भी बढ़ जाती है। गर्भावस्था के कारण महिलाओं का इंद्रियों पर अधिक प्रभाव पड़ता है, जिससे उन्हें कुछ गंध, स्वाद या ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। यह संवेदनशीलता मतली का कारण बन सकती है। उदाहरण के लिए, जो खाद्य पदार्थ पहले पसंद थे, वे अब अप्रिय लग सकते हैं।
3. पेट की स्थिति
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में होने वाले परिवर्तन भी मॉर्निंग सिकनेस को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे-जैसे गर्भ बढ़ता है, यह पेट पर दबाव डालता है, जिससे पाचन में कठिनाई हो सकती है। यह भी मतली का कारण बन सकता है, खासकर जब महिला खाली पेट होती है।
4. मानसिक तनाव
प्रेग्नेंसी एक भावनात्मक और मानसिक परिवर्तन का समय होता है। गर्भवती महिलाओं में चिंता, तनाव और अवसाद के स्तर में वृद्धि हो सकती है। यह मानसिक तनाव शारीरिक लक्षणों को बढ़ा सकता है, जिसमें मॉर्निंग सिकनेस भी शामिल है। जब मानसिक स्थिति स्थिर नहीं होती, तो इसका प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
5. पोषण की कमी
प्रेग्नेंसी के दौरान उचित पोषण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि महिला को आवश्यक पोषक तत्वों की कमी है, तो इससे शरीर में असंतुलन पैदा हो सकता है। यह असंतुलन मतली का कारण बन सकता है। गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, ताकि वे और उनके बच्चे स्वस्थ रह सकें।
6. अनिद्रा
नींद की कमी भी मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ा सकती है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर नींद में कठिनाई होती है, जिसके परिणामस्वरूप वे थकी हुई और तनावग्रस्त महसूस कर सकती हैं। यह स्थिति भी मतली का कारण बन सकती है।
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