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Abortion Effects: क्या गर्भपात कराना हानिकारक है?

जब कोई महिला गर्भपात का निर्णय लेती है तो वह उसके लिए भावनात्मक और बहुत महत्वपूर्ण विकल्प होता है जो उनके स्वास्थ्य और आसपास मौजूद लोगों को भी प्रभावित करता है। कुछ महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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Sneha yadav
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Understanding The Potential Harm of Abortion

(Image credit: Pinterest)

Understanding the Potential Harm of Abortion: गर्भपात या अबॉर्शन महिलाओं के जीवन का एक चिकित्सक, सामाजिक और नैतिक पहलू है। जब कोई महिला गर्भपात का निर्णय लेती है तो वह उसके लिए भावनात्मक और बहुत महत्वपूर्ण विकल्प होता है जो उनके स्वास्थ्य और आसपास मौजूद लोगों को भी प्रभावित करता है। गर्भपात को लेकर समाज में विभिन्न तरीके की धारणाएं और दृष्टिकोण हैं। चिकित्सा रूप में गर्भपात का मतलब होता है गर्व से शिशु को निकाल देना। वहीं अगर बात करें सामाजिक धारणाओं की तो कुछ समझते हैं कि गर्भपात गलत और अनैतिक होता है, बल्कि कुछ के अनुसर महिलाओं का अधिकार माना गया है। गर्भपात महिलाओं की शारीरिक जीवन पर भी असर डालता है। कुछ महिलाएं तो गर्भपात के बाद नॉर्मल हो जाती हैं पर कुछ को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तो आइये जानते हैं गर्भपात हानिकारक क्यों है।

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गर्भपात के हानिकारक प्रभाव 

1. शारीरिक स्वास्थ्य

गर्भपात की वजह से अक्सर महिलाओं को कोई ना कोई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तो कुछ समस्याएं हैं:

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1. ब्लीडिंग: गर्भपात या उसके दौरान महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है जिसके लिए उन्हें डॉक्टर से कंसल्ट करना अनिवार्य है। 

2. इंफेक्शन: अबॉर्शन के समय स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है अगर हम स्वच्छता का ध्यान नहीं रखेंगे तो इंफेक्शन होने का खतरा होता है। 

3. गर्भाशय में चोट: कुछ केसेस में गर्भपात के दौरान गर्भाशय में चोट आ सकती है जो भविष्य में जाकर गर्भधारण में समस्या ला सकती है। 

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4. इनफर्टिलिटी: अबॉर्शन की वजह से महिलाओं को बांझपन की समस्या भी हो सकती है यह तब होता है जब गर्भाशय या किसी अंग को प्रक्रिया के समय नुकसान पहुंचा हो।

2. मानसिक स्वास्थ्य 

अबॉर्शन का असर महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य पर तो पड़ता ही है पर यह मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। मानसिक स्वास्थ्य पर कुछ प्रभाव:

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1. डिप्रेशन: गर्भपात कराने के बाद कई महिलाएं तनाव, चिंता और डिप्रेशन का अनुभव करती है जो लंबे समय तक उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।

2. पछतावा: कुछ महिलाएं ऐसी होती है कि गर्भपात करने के बाद उन्हें रिग्रेट फील होता है कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ पर नेगेटिव प्रभाव डालता है।

3. PTSD: अबॉर्शन के बाद महिलाओं कोपोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का अनुभव होता है, जिसमें दुख, फ्लैशबैक और आघात की यादें इसके लक्षण होते हैं।

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3. भविष्य में गर्भधारण में समस्या

वे महिलाएं जिन्होंने गर्भपात कराया होगा अगर वे भविष्य में गर्भधारण करती हैं तो उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वह समस्याएं हैं: 

1. प्रिमेच्योर बर्थ: एबॉर्शन के बाद महिलाओं को भविष्या में होने वाले गर्भधरण के दौरान समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा होता है।
2. गर्भाशय ग्रीवा की कमजोरी: गर्भपात के दौरान अगर गर्भाशय ग्रीवा को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचता है तो भविष्य में यह गर्भाशय को बंद कर देता है। इसकी वजह से प्रिमेच्योर बर्थ और मिसकैरेज का खतरा होता है।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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