Mental Health: अपने विचारों को शुद्ध करने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय

बदलती लाइफस्टाइल के कारण दिमागी हालत ठीक नहीं रह रही लोगों में की। सबको अकेला लगने लगा है भरी महफिल में भी। इसका कारण ये भी है कि बढ़ते इंटरनेट के इस्तेमाल ने हमें यह लाकर खड़ा कर दिया है।

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Anjali Mishra
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Mental Health Photograph: (Freepik)

Use these 5 tips to clear your thoughts: आजकल की भागती दौड़ती और सबसे ज्यादा व्यस्त ज़िन्दगी में, हमारे मन में हर वक्त एक निरंतर विचारों का बहाव चलता रहता है। कई बार ये विचार बेतहाशा होते हैं, जिससे हमारा ध्यान भटकता है और हम अपने लक्ष्य से दूर होते जाते हैं। ऐसे में विचारों को शुद्ध करने की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है, ताकि हम अपनी मानसिक स्थिति को संतुलित रख सकें और अपने जीवन में क्लेरिटी और सुकून पा सकें। विचारों को शुद्ध करना कोई आसान कार्य नहीं है, क्योंकि यह मानसिक अनुशासन, जागरूकता और एक स्वस्थ जीवनशैली की मांग करता है। हालांकि, यदि आप सही तरीकों का पालन करते हैं, तो यह पूरी तरह से संभव है। चलिए देखते हैं कुछ उपाय जो आपकी मदद करेंगे। 

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अपने विचारों को शुद्ध करने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय

1. मेडिटेशन करें

किसी भी तरह के मानसिक तनाव या रोग का सबसे आसान और असरदार तरीका है मेडिटेशन करना। इसमें आपको कुछ देर एक कंफर्टेबल पोजिशन में बैठकर किसी एक जगह पर ध्यान लगाना होता है और अपने विचारों को एकदम खुला चोर देना होता है, सिर्फ एक जगह पर ध्यान लगाएं। इससे आपकी फोकस करने की शक्ति भी बढ़ती है और दिमाग भी शांत होता है।

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2. सोशल डिस्ट्रैक्शन से दूर रहें

आज कल तो ये बहुत आम हो गया है कि हम इंटरनेट पर कुछ देखते हैं फिर खुद में कमी पाकर खुद के बारे में बुरा बोलने लगते हैं और फिर नतीजा पहुंचता है ओवरथिंकिंग की ओर। इसीलिए कई बार सोशल मीडिया से ब्रेक लिया जाए और थोड़ा समय खुद को दिया जाए, खुद का ख्याल रखा जाए, खुद के पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट्स को ध्यान में रखा जाए।

3. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं

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हमारे रहने खाने के तरीकों से ही आधी बीमारियां शुरू होती हैं। समय की कमी के कारण आदत हो गई है हमे ऑर्डर करके खाने की जो हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है। रात में देर से सोना सुबह देर से जागना कुछ भी खाना कुछ भी पीना। ये सब एक साथ हमारे शरीर को और मानसिक स्थिति को खराब करते हैं अंदर से।

4. सेल्फ रिफ्लेक्शन और ग्रेटीट्यूड प्रैक्टिस करें

ग्रेटीट्यूड का मतलब होता है जो भी आपके जीवन में अच्छा हो उसे एक जगह नोट करें और उसके लिए अपने यूनिवर्स से थैंक यू कहे। इससे मन में अहंकार नहीं पैदा होता है और मन में अशांति नहीं रहती है, मन में खुले विचार आते हैं।

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5. पॉजिटिव थिंकिंग अपनाएं

खुद को ऐसे लोगों के बीच रखें जो पॉजिटिव सोचते हो, आपको मोटिवेट करते हो, आपके बारे में अच्छा बोलते हो और आपको आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते हों। जब आप पॉजिटिव सोचते हैं तो आपके शरीर में एक पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बढ़ता है जिससे मानसिक स्थिति अच्छी होती है।

 

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