Periods Talk: पीरियड्स के दौरान दर्द, जिसे डिस्मेनोरिया कहा जाता है, महिलाओं के लिए एक सामान्य समस्या है। इस दर्द को कम करने के लिए अक्सर दवाओं का सहारा लिया जाता है। हालांकि, दर्द निवारक दवाओं का नियमित उपयोग कुछ नुकसान भी पहुँचा सकता है। यहाँ पर इन नुकसान पर विस्तार से चर्चा की गई है।
पीरियड्स में दर्द की दवा खाने से हो सकते हैं ये नुकसान
1. साइड इफेक्ट्स
दर्द निवारक दवाएँ, विशेषकर नॉन-स्टीरॉइडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे आयबुप्रोफेन या नेप्रोक्सेन, कई साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकती हैं। इनमें पेट दर्द, गैस्ट्रिक समस्याएँ, और मतली शामिल हैं। अगर ये दवाएँ लंबे समय तक ली जाती हैं, तो पेट में अल्सर या आंतों में ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है।
2. लिवर और किडनी पर प्रभाव
पेरासिटामोल जैसी दवाओं का अत्यधिक उपयोग लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इन अंगों के कार्य में कमी आ सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
3. हॉर्मोनल असंतुलन
कुछ दर्द निवारक दवाएँ हॉर्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। हॉर्मोनल असंतुलन से माहवारी चक्र में बदलाव आ सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
4. लत लगने का खतरा
यदि महिलाएँ लगातार दर्द निवारक दवाओं का सेवन करती हैं, तो यह लत का रूप ले सकता है। इससे बिना दवा के सामान्य जीवन जीने में कठिनाई हो सकती है।
5. अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ
नियमित रूप से दर्द निवारक दवाओं के सेवन से हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। ये दवाएँ रक्तचाप को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे हृदय संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
6. प्राकृतिक उपायों की अनदेखी
दवाओं के लगातार उपयोग से महिलाएँ प्राकृतिक उपचारों, जैसे योग, प्राणायाम, और सही आहार की अनदेखी कर सकती हैं। ये उपाय दर्द को कम करने में सहायक हो सकते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
7. मनोवैज्ञानिक प्रभाव
दर्द निवारक दवाओं पर निर्भरता से महिलाओं में मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है। वे हमेशा इस बात की चिंता में रह सकती हैं कि दर्द कब होगा और कब दवा लेनी होगी। इससे सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। तो यह उसे मानसिक रूप से कमजोर कर सकता है और उसे अपने शरीर की स्वाभाविक क्षमता पर भरोसा नहीं रहने देता।
8. गर्भधारण में प्रभाव
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। यह मुख्य रूप से उन दवाओं पर लागू होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी होती हैं। गर्भवती महिलाओं को इन दवाओं के सेवन से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।