प्रेग्नेंसी का सफर हर महिला के जीवन में बहुत ही खूबसूरत होता है। उस समय हर वह महिला चाहती है कि वह अच्छे से अच्छा खाए और अच्छे से रहे जिससे उसके बच्चे स्वस्थ रहें और उन्हें किसी भी चीज की परेशानी ना हो उसके कारण।
प्रेग्नेंसी का सफर जितना खूबसूरत है उतना कठिन भी है क्योंकि इस समय एक महिला को बहुत कुछ चीजों से गुजरना होता है जैसे कि पेट में दर्द, कमर में दर्द, पैरों में दर्द, वोमिटिंग आना आदि। और इसमें में क्रेविंग होना बहुत ही आम बात है।
प्रेग्नेंसी क्रेविंग क्या है?
किसी भी अन्य प्रकार की लालसा की तरह - प्रेग्नेंसी क्रेविंग भी किसी विशेष फूड या ड्रिंक की होती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ खाने की इकझा होना बहुत आम बात है। जैसे कि ice cream, स्पाइसी फूड, चॉकलेट, अचार आदि। नमकीन या खट्टा खाने की क्रेविंग आम हो सकता है, खासकर यदि आप प्रेगनेंट हो तो।
आज के इस हैल्थ ब्लॉक में हम बात करेंगे कि ऐसा क्या करें जिससे प्रेग्नेंसी की क्रेविंग्स से छुटकारा मिल जाए।
1. नियमित भोजन और नाश्ता करें
आप कुछ खाना चाहते हैं क्योंकि आपके शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पूरे दिन नियमित रूप से खाने से आपको कुछ की भी क्रेविंग कम होगी।
2. उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ चुनें
फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे फल, सब्जियां, साबुत रोटी और फलियां खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। ये खाद्य पदार्थ न केवल आपके शरीर को आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं, बल्कि ये आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में भी मदद कर करते हैं।
3. स्वस्थ नाश्ता पहले से तैयार करें
अपने आस-पास कुछ स्वस्थ स्नैक्स रखने से कम जंक फूड खाने की क्रेविंग होगी। यादि आपको प्रेगनेंसी में कुछ नमकीन खाने की क्रेविंग होती है, तो कुछ एयर-पॉप्ड पॉपकॉर्न, मुट्ठी भर मेवे या सेब पर कुछ अखरोट का मक्खन फैला कर खाएं।
4. खूब पानी पिएं
अक्सर, भूख लगना वास्तव में इसलिए हो सकता है क्योंकि आपके शरीर को पानी की आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी सहित आपके जीवन के हर चरण में हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। यदि आप दिन में 4-6 ग्लास पानी पीते हैं तो यह आपको काफी एनर्जेटिक भी रखता है। आप चाहे तो कोई ऐसा पल भी खा सकते हैं जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है। सोने से पहले ज्यादा पानी ना पिए इससे आपको बार बार टॉयलेट जाने के लिए उठना नहीं पड़ेगा।
5. पर्याप्त नींद
प्रेग्नेंसी के दौरान अच्छी नींद लेने की कोशिश करना कठिन हो सकता है क्योंकि आप अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों के साथ तालमेल बिठा लेती हैं।
नींद शरीर के हार्मोन को विनियमित करने में मदद करती है, इसलिए नींद न होने से ghrelin में वृद्धि हो सकती है, एक हार्मोन जो आपकी भूख को ट्रिगर करता है। नींद की कमी भी leptin के स्तर को बढ़ा सकती है, एक हार्मोन जो ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो भूख के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, यदि leptin का स्तर अधिक है, तो आप खाने के बाद संतुष्ट महसूस नहीं कर पाएंगे जिसके चलते आपको कुछ उटपटांग खाने की क्रेविंग होगी।