PCOS and PCOD: महिलाओं के बीच आजकल ये बीमारी PCOS और PCOD नॉर्मल बन गई है, इसका शिकार ज्यादातर 18 से लेकर 35 तक की महिलाएं होती है। कुछ लक्षण जैसे अनियमित पीरियड्स दोनो के बीच सामान्य है पीसीओएस से ज्यादा पीसीओडी ही महिलाओं में आम है, आखिर क्या है दोनो के बीच अंतर चलिए जानते है।
जानिए क्या है PCOS और PCOD के बीच अंतर
पीसीओएस
PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, ये एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है। पीसीओडी के कंपैरिज़न में पीसीओएस ज्यादा खतरनाक है, ये एक गंभीर स्थिति इसमें प्रोपर ट्रीटमेंट की जरूरत होती है महिलाओं को आगे चल कर हार्ट, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियो का भी सामना करना पड़ सकता है।
पीसीओडी
PCOD यानी पॉलीसिस्टिक ओवरियन डिसीज, यह एक महिलाओं की हार्मोनल समस्या है जिसमें ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। महिलाएं की ओवरी की शेप बड़ी हो जाती है, महिलाओं में ज्यादा मात्रा में एंड्रोजन हार्मोन बनने लगते है। इसमें फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है, पीसीओडी में पीरियड्स सामान्य रहते है बस कभी कभी लेट हो सकते है।
दोनो के बीच अंतर
हालांकि दोनो बीमारी ओवरी से जुड़ी है मगर दोनो में बहुत अंतर होता है, PCOS बहुत गंभीर बीमारी होती है जिसके लिए आपको प्रोपर ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है वही PCOD को बीमारी नही मानते है इसे सही लाइफ स्टाइल से ठीक करा जा सकता है। PCOD में बस हेल्थी फ़ूड, एक्सरसाइज, मेडिटेशन से ठीक कर सकते है और PCOS मेटाबोलिक डिसऑर्डर है इसमें डॉक्टर से सलाह, टाइम पर दवाई का सेवन करना जरूरी है।
कैसे बचा जा सकता है
आजकल महिलाएं अपने ऊपर ध्यान नहीं देती है, अपने बिजी लाइफ स्टाइल में इतनी उलझ जाती है के उन्हें पीसीओएस और पीसीओडी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन कुछ बाते अगर आप ध्यान में रखे तो इनसे बचा जा सकता है जैसे अपनी डाइट बदले, स्ट्रेस न ले, वजन पर कंट्रोल करे, योग करे और हेल्दी। अगर लक्षण नजर आए तो उन्हें इग्नोर न करे तुरंत डॉक्टर के पास जाए और इलाज करवाए।