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सेक्स रोमांटिक रिश्ते का एक अभिन्न अंग है। हालाँकि, वजाइना का सूखापन जैसा कुछ कपल के अनुभव को नष्ट कर सकता है और आप निश्चित रूप से ऐसा नहीं चाहेंगे। वेजाइना का सूखापन वास्तव में क्या है? यह किसी व्यक्ति के सेक्सुअल जीवन को कैसे प्रभावित करता है और इसका समाधान क्या है?
वजाइनल सूखापन क्या है?
वजाइना का सूखापन एक लक्षण है जिसे अक्सर जलन, वजाइना में परेशानी, योनि में दर्द, सेक्स करते समय बेचैनी या खुजली के रूप में महसूस किया जाता है। एक महिला में ओवरीज़ एक्टिव एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन तब तक करते हैं जब तक वह मेंस्ट्रुअल उम्र (जिसमें उम्र में पीरियड्स होते हैं) में है। यह वजाइना को नम रखता है, उसकी दीवारों को मोटा रखता है और वजाइना की इलास्टिसिटी को बनाए रखता है। एक महिला के जीवन के कुछ चरणों में, एस्ट्रोजन की इस एक्टिविटी से अस्थायी या स्थायी रूप से कोम्प्रोमाईज़ किया जा सकता है और इससे वजाइना में सूखापन होता है।
सेक्स के दौरान वजाइना में सूखापन क्यों होता है?
इसके पीछे मनोवैज्ञानिक और शारीरिक पहलू हैं। आइये उन्हें समझते हैं
1. मनोवैज्ञानिक कारण
हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां स्ट्रेस का स्तर आसमान छू रहा है। हम नींद से वंचित हैं। चिंता का स्तर इतना अधिक है और यह सब हमारे दिमाग को एक निरंतर तनाव की ओर ले जाता है जिससे एस्ट्रोजन का स्तर या हैप्पी हार्मोन कम हो जाता है और हमारे शरीर में लुब्रिकेशन का स्तर कम हो जाता है।
फोरप्ले की कमी एक और पहलू है जिससे वजाइना में सूखापन होता है। अगर आपका पार्टनर आपसे अपेक्षा करता है कि आप यह 2 सेकंड में लुब्रिकेट हो जाएं और सीधे सेक्स के लिए तैयार हो जाये तो यह संभव नहीं है। शरीर अलग तरह से काम करता है। उसे फोरप्ले की ज़रूरत है।
2. शारीरिक कारण
कुछ दवाएं जैसे एंटी डिप्रेशन दवाएं वजाइना में सूखापन पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा, मजबूत फेमिनिन वॉश जिनमें तेज खुशबू होती है, आपकी वजाइना के पीएच लेवल को बदल देते हैं जिससे वजाइना में सूखापन आ जाता है।
3. फिजियोलॉजिकल कारण
कुछ फिजियोलॉजिकल पहलू जैसे आप स्तनपान करवा रही हैं या मेनोपॉज के करीब पहुंच रहे हैं, या मेनोपॉज हो चुका है, वजाइना में सूखापन का कारण बन सकते है। स्तनपान के कारण होने वाली ड्राइनेस कुछ समय के बाद ठीक हो जाती है।
समाधान
अपने पार्टनर से फोरप्ले के बारे में बात करें, तनाव के स्तर को कम करने का प्रयास करें और कुछ ध्यान या मेडिटेशन करके हैप्पी हॉर्मोन बढ़ाने के लिए एक्टिविटी करने का सुझाव दिया जाता है। अगर इस सब के बाद भी आपको ड्राइनेस की समस्या हो रही है तो गाइनेकोलॉजिस्ट की सलाह लेने में शर्माए नहीं।
आप वाटर-बेस्ड लुब्रिकेंट का भी इस्तेमाल क्र सकते हैं, पर उसमें सेंट नहीं होना चाहिए, वरना इरिटेशन हो सकती है।