ई ब्लड प्रेशर में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। अक्सर बीपी की समस्या में डॉक्टर चावल मना कर देता है। डॉक्टर केवल हफ्ते में एक बार सफ़ेद चावल खाने की सलाह देता है। लेकिन हमें यह जानना जरुरी है कि आखिर कौन से टाइप का चावल बीपी के मरीज़ के लिए फायदेमंद होता है।
डाइट में शामिल करें ब्राउन राइस
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उन्हें ब्राउन राइस को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल, पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है। कई स्टडीज में भी यह पाया गया है कि जिन पर्दाथों में पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है, वह शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
ब्राउन राइस और सफ़ेद चावल में क्या है अंतर
ब्राउन राइस साबुत अनाज है। यानी इस में अनाज के सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे कार्ब युक्त एंडोस्पर्म और रेशेदार चोकर आदि। हालांकि, इसे पकाने में थोड़ा सा समय लगता है, क्योंकि इसके चोकर सख्त होते हैं। वहीं सफेद चावल में चोकर और जर्म्स हटा दिए जाते हैं। और यही दो चीजें अनाज के पौष्टिक रूप हैं। जिसके कारण सफेद चावल कम पौष्टिक हो जाता है। लेकिन यह सॉफ्ट होते हैं और आसानी से पक जाते हैं।
बीपी कण्ट्रोल करने के तरीके
अगर आप चाहते हैं कि आपका बीपी कंट्रोल में रहे तो इसके लिए आप गुड़हल के फूल की चाय बनाकर पी सकते हैं। सुबह खाली पेट आधा चम्मच धनिया पाउडर का सेवन करें। इससे भी ब्लड प्रेशर को काबू किया जा सकता है। आप चाहें तो सोने से पहले भी आधा चम्मच अश्वगंधा पाउडर खाएं या फिर भुना हुआ जीरा पाउडर भी काम करेगा।
लो बीपी में करें चावल से परहेज़
अगर आपको लो बीपी की समस्या है तो बेशक आपको चावल से परहेज़ करना चाहिए। कोशिश करें कि सफेद चावल का सेवन बिलकुल भी न करें। इस में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है जो लो बीपी में परेशानी खड़ी कर सकता है। इसके साथ ही बीपी की समस्या वालों को थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाना चाहिए। एक बार में पूरा इन्टेक करने से आपको अपच की समस्या हो सकती है।
डॉक्टर की सलाह है जरुरी
बीपी की समस्या अब भले की काफी कॉमन हो गयी है, लेकिन समय समय पर इसकी जांच करते रहना आपकी जिम्मेदारी है। दरअसल बीपी में भी लो बीपी और हाई बीपी का कांसेप्ट होता है और दोनों ही तरह की बीपी की समस्या में खानपान और उनका परहेज़ अलग-अलग होता है। जैसे हाई बीपी के लिए नमक की मात्रा को खाने में कम से कम रखें। वहीँ लो बीपी के लिए खाने में सोडियम की मात्रा बढ़ा कर दें।