World Haemophilia Day: क्या होता है हीमोफीलिया? क्या यह महिलाओं में संभव है?

विश्व हीमोफीलिया दिवस हर साल 17 अप्रैल को ब्लड डिजीज के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस आर्टिकल में हम हेमोफीलिया के लक्षण, कारण और महिलाओं में इसकी संभावना को जानेंगे।

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Priya Singh
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Blood Test

Photograph: (Freepik)

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हेमोफीलिया क्या है?

हेमोफीलिया एक जेनेटिक ब्लड डिजीज है जिसमें खून का थक्का बनने में कठिनाई होती है। सामान्य रूप से जब किसी को चोट लगती है तो शरीर खून के बहाव को रोकने के लिए क्लॉटिंग फैक्टर (रक्त जमने वाले तत्व) का उपयोग करता है। लेकिन हेमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में ये फैक्टर या तो अनुपस्थित होते हैं या बहुत कम मात्रा में होते हैं, जिससे खून बहना देर तक जारी रह सकता है। यह स्थिति मामूली चोट से लेकर सर्जरी या इंटरनल ब्लीडिंग जैसी गंभीर स्थितियों तक खतरनाक हो सकती है।

हेमोफीलिया के दो प्रमुख प्रकार होते हैं- हेमोफीलिया A जिसमें फैक्टर VIII की कमी होती है और हेमोफीलिया B जिसमें फैक्टर IX की कमी पाई जाती है। यह बीमारी जन्म से ही होती है और आमतौर पर बच्चों में शुरुआती वर्षों में ही इसके लक्षण दिखने लगते हैं। प्रभावित व्यक्ति को जोड़ों में सूजन, बार-बार खून बहने की समस्या, नाक से खून आना, शरीर में नीले-नीले निशान और कभी-कभी बिना चोट के भी खून बहने जैसी समस्याएं होती हैं।

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क्या महिलाएं भी हो सकती हैं हेमोफीलिया की शिकार?

अधिकतर लोगों को लगता है कि हेमोफीलिया केवल पुरुषों को ही होता है और महिलाएं केवल इसके वाहक (carrier) होती हैं। यह धारणा काफी हद तक सही तो है, लेकिन पूरी तरह नहीं। चूंकि यह बीमारी X क्रोमोसोम से जुड़ी होती है, और पुरुषों के पास केवल एक X क्रोमोसोम होता है, इसलिए वे अधिक प्रभावित होते हैं। महिलाओं के पास दो X क्रोमोसोम होते हैं, जिससे वे आमतौर पर कैरियर बनती हैं और खुद बीमार नहीं होतीं।

हालांकि कुछ मामलों में महिलाएं भी हेमोफीलिया से प्रभावित हो सकती हैं। अगर किसी महिला के दोनों X क्रोमोसोम दोषपूर्ण हों या अगर शरीर में फैक्टर का स्तर बहुत कम हो, तो वह भी हेमोफीलिया के लक्षणों से गुजर सकती है। इसके अलावा, कभी-कभी जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से बिना पारिवारिक इतिहास के भी महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं। इसलिए यह कहना गलत होगा कि महिलाएं हेमोफीलिया से प्रभावित नहीं हो सकतीं।

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उपचार और जागरूकता की आवश्यकता

वर्तमान समय में हेमोफीलिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन क्लॉटिंग फैक्टर रिप्लेसमेंट थैरेपी, प्रोफिलैक्सिस और जेनेटिक परामर्श के माध्यम से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। अगर समय रहते सही जानकारी और इलाज मिल जाए, तो पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।

इसलिए विश्व हेमोफीलिया दिवस जैसे अवसर बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल जागरूकता फैलाते हैं बल्कि मरीजों और उनके परिवारों को भावनात्मक और सामाजिक समर्थन भी प्रदान करते हैं। साथ ही इससे यह समझने का मौका मिलता है कि यह बीमारी केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को भी प्रभावित कर सकती है।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

World Haemophilia Day