Sex Myths tips: सेक्स से जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई

सेक्स से जुड़ी कई धारणाएं और मिथक सदियों से समाज में प्रचलित हैं।कई बार लोग इन भ्रांतियों को सच मानकर चलते हैं, जिससे उनके यौन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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Sanya Pushkar
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Common Myths about sex: सेक्स से जुड़ी कई धारणाएं और मिथक सदियों से समाज में प्रचलित हैं। ये मिथक अक्सर गलत जानकारी, सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक वर्जनाओं के कारण जन्म लेते हैं। कई बार लोग इन भ्रांतियों को सच मानकर चलते हैं, जिससे उनके यौन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अशिक्षा, झूठी धारणाएं और खुलकर बातचीत न कर पाने की वजह से सेक्स को लेकर कई गलतफहमियां बनी रहती हैं। उदाहरण के लिए, यह मान्यता कि केवल पुरुष ही सेक्स के बारे में सोचते हैं, या पहली बार सेक्स करने पर महिला की ब्लीडिंग होना जरूरी है ऐसे कई मिथक हैं जो वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। सही जानकारी के अभाव में लोग न केवल असुरक्षित यौन संबंध बना सकते हैं बल्कि अनावश्यक चिंता और डर का भी शिकार हो सकते हैं।

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सेक्स से जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई टिप्स

1. केवल पुरुष ही ज्यादा सेक्स के बारे में सोचते हैं

बहुत से लोग मानते हैं कि सिर्फ पुरुष ही सेक्स के बारे में बार बार सोचते हैं, जबकि महिलाएं इसमें कम रुचि रखती हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि पुरुष और महिलाएं दोनों ही सेक्स के बारे में सोचते हैं, हालांकि इसकी आवृत्ति व्यक्ति व्यक्ति पर निर्भर करती है। शोध बताते हैं कि महिलाओं की भी मजबूत यौन इच्छाएं होती हैं, लेकिन वे समाजिक धारणाओं के कारण इसे खुलकर व्यक्त नहीं करतीं।

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 2. बड़े आकार का मतलब बेहतर प्रदर्शन होता है

यह एक आम धारणा है कि पुरुष के लिंग का बड़ा आकार सेक्स को अधिक आनंददायक बनाता है। लेकिन वास्तविकता यह है कि यौन संतुष्टि का संबंध भावनात्मक जुड़ाव, सही तकनीक, और आपसी संचार से होता है, न कि केवल लिंग के आकार से। कई शोध बताते हैं कि महिला साथी के लिए अधिक महत्वपूर्ण यह होता है कि पार्टनर उसे कितना सहज और संतुष्ट महसूस करवा सकता है।

 3. पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंसी संभव नहीं होती

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कई लोगों को लगता है कि माहवारी के दौरान सेक्स करने से गर्भधारण की कोई संभावना नहीं होती। हालांकि, यह पूरी तरह सही नहीं है। अगर किसी महिला का मासिक चक्र छोटा हो, तो स्पर्म शरीर में कई दिनों तक जीवित रह सकता है और ओव्यूलेशन के दौरान गर्भधारण संभव हो सकता है। इसलिए, अगर गर्भधारण से बचना है, तो हर समय सुरक्षित सेक्स का पालन करना जरूरी है।

4. सुरक्षित दिनों में सेक्स करने से प्रेग्नेंसी नहीं होती

 प्राकृतिक तरीके से गर्भनिरोध की योजना बनाना हमेशा भरोसेमंद नहीं होता। स्पर्म शरीर में कई दिनों तक जीवित रह सकता है, और ओव्यूलेशन का समय बदल सकता है। इसलिए, अगर गर्भधारण से बचना है, तो हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाना जरूरी है। सेक्स को लेकर कई मिथक समाज में प्रचलित हैं, लेकिन सही जानकारी और खुले संवाद से हम इन गलतफहमियों को दूर कर सकते हैं।

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5. कंडोम का उपयोग करने से प्लेजर कम होता है

कंडोम यौन संबंध को सुरक्षित बनाते हैं और यदि सही तरीके से उपयोग किए जाएं, तो यह सेक्स के आनंद में कोई कमी नहीं लाते। आजकल कई प्रकार के पतले और संवेदनशीलता बढ़ाने वाले कंडोम उपलब्ध हैं।

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