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Hormonal Balance and Its Impact on Sex Drive: हमारे शरीर में कई प्रकार के हार्मोन होते हैं जो विभिन्न शारीरिक और मानसिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। इनमें से कुछ हार्मोन सेक्स ड्राइव यौन इच्छा को प्रभावित करते हैं। जब ये हार्मोन संतुलित रहते हैं, तो व्यक्ति की यौन इच्छा सामान्य रहती है, लेकिन इनका असंतुलन सेक्स ड्राइव को बढ़ा या घटा सकता है। आइए जानते हैं कि कौन कौन से हार्मोन सेक्स ड्राइव को प्रभावित करते हैं और हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं। सेक्स ड्राइव को प्रभावित करने वाले हार्मोन हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन जैसे हार्मोन संतुलित रहें, तो यौन इच्छा और संतुष्टि में वृद्धि होती है।
हॉर्मोनल बैलेंस और सेक्स ड्राइव पर प्रभाव डालने वाले हार्मोन
1. टेस्टोस्टेरोन
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया जाने वाला प्रमुख सेक्स हार्मोन है। यह हार्मोन पुरुषों में मुख्य रूप से अंडकोष टेस्टिस और महिलाओं में अंडाशय ओवरी और एड्रिनल ग्लैंड में बनता है। टेस्टोस्टेरोन का स्तर सही होने पर व्यक्ति में यौन इच्छा प्रबल होती है। यदि यह हार्मोन कम हो जाए, तो व्यक्ति की सेक्स ड्राइव में गिरावट आ सकती है और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।
2. एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन महिलाओं में प्रमुख सेक्स हार्मोन है, लेकिन पुरुषों में भी यह थोड़ी मात्रा में पाया जाता है। यह हार्मोन महिलाओं में मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है और यौन इच्छा को बनाए रखने में मदद करता है। अगर एस्ट्रोजन का स्तर बहुत कम हो जाए, तो महिलाओं में यौन रुचि कम हो सकती है, योनि में सूखापन हो सकता है और यौन क्रियाओं के दौरान परेशानी हो सकती है।
3. प्रोजेस्टेरोन
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मुख्य रूप से महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। यह हार्मोन गर्भावस्था को बनाए रखने और मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करता है। यदि प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाए, तो महिलाओं में मूड स्विंग्स और यौन इच्छा में कमी देखी जा सकती है।
4. डोपामाइन और सेरोटोनिन
डोपामाइन और सेरोटोनिन न्यूरोट्रांसमीटर होते हैं, जो हमारे मस्तिष्क में खुशी और आनंद की भावना को बढ़ाते हैं। जब इनका स्तर कम होता है, तो व्यक्ति में अवसाद, चिंता और यौन इच्छा में कमी आ सकती है। डोपामाइन सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में सहायक होता है, जबकि सेरोटोनिन का अधिक स्तर कभी कभी यौन इच्छा को कम कर सकता है।
5. ऑक्सीटोसिन
ऑक्सीटोसिन को "लव हार्मोन" भी कहा जाता है। यह हार्मोन शारीरिक संपर्क, गले लगने और यौन क्रिया के दौरान स्रावित होता है। यह न केवल यौन संतोष को बढ़ाता है, बल्कि पार्टनर के साथ भावनात्मक जुड़ाव को भी मजबूत करता है।