Menstrual Cycle & Libido: पीरियड्स के दौरान महिलाओं की सेक्स ड्राइव कैसे बदलती है?

महिलाओं की सेक्स ड्राइव उनकी पीरियड साइकिल के साथ बदलती रहती है। इसका कारण पीरियड्स के दौरान बढ़ने और घटने वाले हार्मोंस होते हैं जो अलग-अलग तरह से काम करते हैं। जानिए कैसे और क्यों पीरियड्स के समय सेक्सुअल डिजायर बदलती हैं।

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Kirti Sirohi
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Menstruation and Libido

Image: (Freepik)

How Women's Sex Drive Changes During Periods: पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव जो होते हैं, जिनपर अक्सर चर्चा होती है। इन्हीं में से एक चर्चा का विषय है पीरियड्स में महिलाओं को सेक्सुअल डिजायर यानी libido होती है या नहीं? बहुत सी महिलाएं यह सवाल खुद से करती हैं या किसी और से पूछना चाहती हैं कि क्या पीरियड्स के दौरान सेक्स की इच्छा भी बदलती है? दरअसल, हर महिला के शरीर में पीरियड्स के दौरान अलग बदलाव होते हैं जो कि उनके हार्मोनल बदलावों पर निर्भर करते हैं। इसलिए कुछ महिलाएं इस दौरान सेक्स की इच्छुक होती हैं और कुछ नहीं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि कौनसे हार्मोन आपके शरीर में पीरियड्स के दौरान इन इच्छाओं को जगाते या बुझते हैं?

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पीरियड्स और लिबिडो

क्या हर महिला की सेक्स ड्राइव एक जैसी होती है?

ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान सभी महिलाओं को सेक्स करने का मन ज्यादा करने लगता है या उनकी सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है लेकिन यह बिल्कुल गलत है। हर महिला की बॉडी और हार्मोनल चेंज बिल्कुल अलग होते हैं। कोई महिला ओव्यूलेशन के समय बहुत ज्यादा रोमांटिक फील कर सकती है तो दूसरी महिला को इस समय कोई खास फर्क महसूस नहीं होता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स के पहले और पीरियड्स के दौरान सेक्सुअल डिज़ायर होने लगती हैं। जानिए किन हार्मोन की सेक्सुअल डिजायर के कम या ज्यादा होने में भूमिका रहती है।

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पीरियड्स और लिबिडो में हार्मोंस की भूमिका

महिलाओं के शरीर में तीन मेन हार्मोन एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन हर महीने उनकी पीरियड्स साइकिल की वजह से बदलते हैं। ये हार्मोन न केवल महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हैल्थ पर असर डालते हैं बल्कि उनके मूड, एनर्जी लेवल और सेक्स ड्राइव में भी बदलाव लाने का कारण बन जाते हैं।

एस्ट्रोजन हार्मोन

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एस्ट्रोजन हार्मोन पीरियड्स के शुरुआत से ही धीरे से बढ़ना शुरू होता है और ओव्यूलेशन के समय बहुत बढ़ जाता है। यह हार्मोन महिलाओं के वजाइना में लुब्रिकेंट बनाए रखने और सेक्स डिजायर को बढ़ाने का काम करता है जिसकी वजह से यह महिलाओं को ज्यादा एनर्जेटिक महसूस होता है और उनकी सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है।

प्रोजेस्टेरोन

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन महिलाओं के शरीर में ओव्यूलेशन के बाद बढ़ने लगता है लेकिन अगर आप कंसीव नहीं करती हैं तो इसकी मात्रा कम होने लगती है। यह हार्मोन शरीर को calm (शांत) रखने और नींद को बढ़ाने का काम करता है और इस वजह से आपकी सेक्स ड्राइव में अचानक कमी आने लगती है।

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टेस्टोस्टेरोन 

टेस्टोस्टेरोन जोकि एक पुरुष हार्मोन होता है और महिलाओं में भी यह कम मात्रा में पाया जाता है लेकिन ओवुलेशन के आसपास यह हार्मोन भी शरीर में एकदम से बढ़ने लगता है और महिलाओं में इसके बढ़ने की वजह से सेक्स डिजायर बढ़ने लग जाती हैं।

ओव्यूलेशन पीरियड

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महिलाओं में आमतौर पर पीरियड्स साइकिल के लगभग 14वें दिन के आसपास होता है और इस दौरान महिला की फर्टिलिटी भी सबसे ज्यादा होती है और एस्ट्रोजन हार्मोन भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और उन्हें सेक्स का मन होने लगता है। इस समय महिलाओं की सेक्स ड्राइव सबसे ज्यादा हो सकती है क्योंकि हार्मोनल बैलेंस सेक्स ड्राइव को पीक पर पहुंचा देत ही। बहुत सी महिलाएं इस समय में ज्यादा रोमांटिक या डिजायरफुल महसूस करती हैं।

 

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