Stages Of Orgasm: जानिए सेक्स के दौरान महिलाएं कौनसी 4 ऑर्गेज्म स्टेज से गुजरती हैं

महिलाओं के लिए सेक्स सिर्फ एक काम नहीं है बल्कि एक अपने आप में एक ऐसा एक्सपीरियंस होता है जो उन्हें अलग-अलग चरणों में फिजिकल, मेंटल और इमोशनल लेवल पर सेटिस्फेक्शन देता है।

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Kirti Sirohi
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Female Orgasm

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Know Which 4 Stages Of Orgasm Women Go Through During Sex: सेक्स के दौरान जहां मेल प्लेजर की बात आती है वहीं फीमेल ऑर्गेज्म की चर्चा भी अब पहले से बहुत ज्यादा होती है। हमारे समाज में लंबे समय से यह सोच रही है कि सेक्स केवल पुरुषों के ही आनंद के लिए होता है और महिलाएं इसमें बस एक सहायक की भूमिका निभाती हैं। लेकिन अब महिलाएं भी ऑर्गेज्म और प्लेजर को लेकर खुलकर बात करने लगी हैं क्योंकि जब महिलाएँ सेक्स के दौरान सेटिस्फाई होती हैं तो तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपने रिश्ते में अधिक कंफर्ट और खुशी महसूस करती हैं। इसलिए सेक्स न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुष्टि से भी जुड़ा होता है। 

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महिलाओं की लाइफ में ऑर्गेज्म का क्या रोल है?

ऑर्गेज्म महिलाओं की लाइफ में कई पॉजिटिव बदलाव लाता है। अगर सेक्स के दौरान महिलाएं बेहतर ऑर्गेज्म महसूस करती हैं तो उनमें तनाव कम होता है, शरीर में डोपामिन और ऑक्सीटोसिन जैसे लव और हैप्पीनेस हार्मोन का स्तर बढ़ता और इतना ही नहीं यह महिलाओं की बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, मेंस्ट्रुअल पेन को कम करता है और महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ को अच्छा बनाए रखने में मदद करता है। जब महिलाएँ ऑर्गेज्म प्राप्त करती हैं तो वे ज्यादा संतुष्ट, तनावमुक्त और आत्मविश्वासी महसूस करती हैं।

लेकिन क्या आपको पता है कि sex के दौरान महिलाएं ऑर्गेज्म के कई स्टेज से गुजरती हैं जिनमें सबसे खास होती हैं 4 स्टेज। आज हम आपको उन्हीं चार स्टेज के बारे में बताएंगे।

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महिलाओं में ऑर्गेज्म के 4 चरण

एक्साइटमेंट स्टेज

यह सेक्स का पहला चरण होता है जिसमें महिला का शरीर उत्तेजित होना शुरू होता है और जब वह मानसिक और शारीरिक रूप से उत्तेजित होती है तो उसका शरीर इसके प्रति रिस्पॉन्स करने लगता है। इस दौरान शरीर में खासकर ब्रेस्ट और वजाइना के आसपास ब्लड फ्लो तेज़ हो जाता है और प्राइवेट पार्ट में लुब्रिकेशन होने की वजह से नमी बढ़ने लगती है। क्लिटोरिस बेहद सेंसिटिव हो जाती है और ब्रेस्ट्स में भी कुछ हार्मोनल बदलाव महसूस होने लगते हैं। इस स्टेज में महिला की सांसें बढ़ जाती हैं, दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं और मांसपेशियों में तनाव आने लगता है। और इसी दौरान अगर सही से फोरप्ले किया जाए तो महिला की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है।

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प्लेटो स्टेज

एक्साइटमेंट स्टेज के बाद महिला का शरीर ऑर्गेज्म के और भी करीब पहुंचने लगता है और महिलाएं बहुत अच्छा महसूस करने लगती हैं। इस स्टेज में अभी ऑर्गेज्म नहीं हुआ होता लेकिन उनकी उत्तेजना चरम सीमा पर होती है। क्लिटोरिस और वजाइना बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है और शरीर में ब्लड फ्लो भी तेज़ होने लगता है। इस दौरान महिलाओं को शरीर में बहुत गर्मी महसूस होती है और उसके सेंशुअल जोन्स भी सेंसिटिव हो जाते हैं। सबसे जरूरी बात अगर इस स्टेज में सही स्टीमूलेशन और रिदम मिले तो महिला जल्द ही ऑर्गेज्म पा सकती हैं। कई बार पुरुष इस स्टेज को समझ नहीं पाते और जल्दी ही आगे बढ़ जाते हैं, जिससे महिला का ऑर्गेज्म अधूरा रह जाता है। इसलिए, इस स्टेज पर सही गति और तालमेल बनाए रखना ज़रूरी है। लेकिन कई बार मेल पार्टनर इस स्टेज को सही जानकारी नहीं होने की वजह से समझ नहीं पाते और जल्दी कर देते हैं जिससे महिला का ऑर्गेज्म पूरा नहीं हो पाता है और उन्हें सेटिस्फेक्शन भी नहीं मिलता। इसलिए इस स्टेज में सही गति और तालमेल बनाना बेहद जरूरी होता है।

ऑर्गेज्म स्टेज 

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ऑर्गेज्म स्टेज सेक्स की तीसरी स्टेज होती है और यह सेक्स का सबसे महत्वपूर्ण और प्लेजरफुल होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में मसल कॉन्ट्रैक्शन तेज़ हो जाते हैं जिस वजह से उन्हें सबसे ज्यादा खुशी और आनंद महसूस होते हैं और यह पल कुछ सेकंड्स से लेकर एक मिनट तक रह सकता है। इस स्टेज में महिला का शरीर पूरी तरह से तनावमुक्त हो जाता है और वह चरम सुख की अनुभूति करती है। इस समय शरीर में 'लव हार्मोन' ऑक्सिटोसिन रिलीज़ होता है। यह हार्मोन महिला को अपने पार्टनर के ज्यादा करीब लाने में मदद करता है और उन्हें इमोशनली भी जोड़ता है। हालांकि हर महिला का ऑर्गेज्म अनुभव अलग हो सकता है और यह ज़रूरी नहीं कि हर बार एक ही तरीके से ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं किया जा सकता, इसके अलग-अलग तरीके सीखे या जाने जा सकते हैं।

रिज़ॉल्यूशन स्टेज

ऑर्गेज्म के बाद महिला का शरीर धीरे-धीरे अपनी सामान्य अवस्था में लौटने लगता है। इस स्टेज में उनका ब्लड फ्लो, हार्ट बीट और बॉडी टेंपरेचर नॉर्मल हो जाता है और सांसों की गति भी धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। कुछ महिलाओं को इस स्टेज में बहुत ज्यादा आराम महसूस होता है और तेज नींद भी आती है जिससे वे तुरंत सोने लगती हैं जबकि कुछ महिलाओं को पार्टनर के साथ इमोशनल बॉन्डिंग की ज़रूरत होती है और वह उनसे बात करना चाहती हैं और अगर उन्हें इस दौरान पार्टनर से सही कडलिंग मिले तो वह और भी ज्यादा संतुष्ट और पार्टनर के ज्यादा करीब महसूस करती हैं।

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