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What Are The Main Reasons For Decreased Sexual Desire In Women? महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर (यौन इच्छा) कई शारीरिक, मानसिक और सामाजिक करणों से प्रभावित होती है। यह समस्या केवल व्यक्तिगत नहीं होती, बल्कि रिश्तों और लाइफस्टाइल से भी जुड़ी होती है। कई महिलाएं समय के साथ अपनी सेक्सुअल डिजायर में कमी महसूस करती हैं, जिससे आत्मसम्मान, संबंधों और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें हार्मोनल बदलाव, मानसिक तनाव, दवाओं का असर और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें शामिल हैं। इस आर्टिकल में हम उन कारणों को समझेंगे जो महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर को प्रभावित करते हैं।
महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर कम होने के मुख्य कारण क्या हैं?
हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर में कमी का सबसे प्रमुख कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन सेक्सुअल डिजायर को नियंत्रित करते हैं। उम्र बढ़ने, गर्भावस्था, प्रसव या मेनोपॉज के दौरान हार्मोन का स्तर बदलता है, जिससे सेक्सुअल डिजायर कम होती है। थायरॉयड संबंधी समस्याएं भी इस पर असर डालती हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को थकान, मूड स्विंग और शारीरिक कमजोरी का अनुभव होता है, जिससे उनकी सेक्सुअल डिजायर प्रभावित होती है।
मानसिक तनाव और डिप्रेशन
तनाव, चिंता और डिप्रेशन भी महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर को कम करते हैं। जब दिमाग लगातार किसी परेशानी में उलझा रहता है, तो शरीर सेक्सुअल अनुभव पर सही प्रतिक्रिया नहीं दे पाता। काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां और रिश्तों में तनाव भी महिलाओं को मानसिक रूप से प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने से सेक्सुअल डिजायर धीरे-धीरे खत्म हो सकती है, क्योंकि दिमाग डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे खुशहाली से जुड़े कैमिकल्स को कम करने लगता है।
शारीरिक थकान और एनर्जी की कमी
आज की बिजी लाइफस्टाइल में महिलाओं पर काम और परिवार दोनों की जिम्मेदारियां होती हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता। लगातार शारीरिक थकान और नींद की कमी भी सेक्सुअल डिजायर को कम कर सकती है। जब शरीर एनर्जी से भरपूर नहीं होता, तो सेक्सुअल रिलेशन में रुचि भी स्वाभाविक रूप से घट जाती है। व्यायाम की कमी और अस्वस्थ खान-पान भी थकान को बढ़ा सकते हैं, जिससे शरीर सेक्स के लिए तैयार नहीं हो पाता।
दवाइयों और चिकित्सा स्थितियों का प्रभाव
कई प्रकार की दवाएं, विशेष रूप से एंटीडिप्रेसेंट, ब्लड प्रेशर की दवाएं और हार्मोनल उपचार, महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेसर, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियां भी शरीर की शारीरिक प्रतिक्रियाओं को धीमा कर सकती हैं। जब शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा होता है, तो उसकी प्राथमिकता स्वास्थ्य बनी रहती है, जिससे सेक्सुअल डिजायर में कमी आ सकती है।
रिश्तों में समस्याएं और भावनात्मक दूरी
सेक्सुअल डिजायर केवल शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव से भी जुड़ी होती है। अगर रिश्ते में तनाव, अविश्वास, झगड़े या बातचीत की कमी होती है, तो इसका सीधा असर महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर पर पड़ सकता है। पार्टनर के प्रति भावनात्मक रूप से दूर हो जाने पर महिलाएं सेक्सुअल रिलेशन में रुचि खो देती हैं। इसके अलावा, अगर उन्हें अपने साथी से प्यार, सम्मान और समझ नहीं मिलती, तो वे फिजिकल इंटिमेसी से बचने लगती हैं।
आत्मसम्मान और शरीर की छवि
अगर कोई महिला अपने शरीर को लेकर असहज महसूस करती है, तो उसकी सेक्सुअल डिजायर भी प्रभावित होती है। वजन बढ़ने, प्रसव के बाद शरीर में हुए बदलाव, उम्र बढ़ने या समाज के बनाए ब्यूटी स्टैण्डर्ड से तुलना करने के कारण कई महिलाएं आत्मसम्मान की कमी महसूस करती हैं। जब वे अपने शरीर को आकर्षक नहीं मानतीं, तो उनके भीतर सेक्स की इच्छा भी कम हो जाती है। आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं।