Hyman & Virginity: जानें हाइमन और वर्जिनिटी पर क्या कहता है साइंस

आज के इक्कीसवीं सदी में भी एक महिला के कैरेक्टर को हाइमन से जज कर लिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हाइमन टूटना वर्जिनिटी खोने का संकेत है। पर इसपर विज्ञान के विचार कुछ और ही है।

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Simran Kumari
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Photograph: (Freepik)

what science says about hymen and virginity: हाइमन (Hymen) और वर्जिनिटी (Virginity) को लेकर समाज में कई गलतफहमियाँ हैं, हाइमन को अक्सर वर्जिनिटी के प्रूफ के रूप में माना जाता है जो काफी बड़ा भ्रम है। हाइमन और वर्जिनिटी को लेकर समाज में लंबे समय से कई तरह की धारणाएँ और मिथक फैले हुए हैं। खासकर महिलाओं की पवित्रता से इसे जोड़ा जाता है और ऐसा माना जाता है हाइमन का टूटना महिलाओं के वर्जिनिटी को खत्म करता है। लेकिन अगर साइंस के नजरिए से देखा जाए तो ये पूरी तरह गलत है। मॉर्डन साइंस और मेडिकल इन दोनों को एक अलग दृष्टिकोण से देखता है, जहाँ शारीरिक तथ्यों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को ज्यादा महत्व दिया जाता है। इस आर्टिकल में  में हम हाइमन और वर्जिनिटी (losing virginity) से जुड़े ऐसे ही 5 साइंटिफिक को जानेंगे, जो समाज में फैली रूढ़ियों को चुनौती देते हैं और सही जानकारी प्रदान करते हैं।

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जाने हाइमन और वर्जिनिटी पर क्या कहता है साइंस

1. हाइमन का फटना जरूरी नहीं है सेक्स के लिए

यह एक पतली झिल्ली होती है जो वेजाइना के प्रवेश द्वार पर होती है। लोग ऐसा मानते है कि ये सेक्स के दौरान पेनेट्रेशन से ही टूट सकता है लेकिन ये खेलने कुदने, साइकलिंग, टैम्पॉन या सेक्स टॉयज के इस्तेमाल से या एक्सरसाइज़ से भी टूट सकती है। यानी हाइमन का फटना हमेशा सेक्स से जुड़ा नहीं होता।

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2. हर महिला का हाइमन एक जैसा नहीं होता

हाइमन की हर महिला में एक जैसा नहीं होता बल्कि अलग-अलग होता है। कुछ लड़कियों का जन्म ही बिना हाइमन के होता है तो कुछ में ये बहुत मोटी या पतली होती है। ऐसे में हाइमन का टूटना इसके साइज पर निर्भर करता है न कि महिला के शारीरिक होने पर।

3. हाइमन की मौजूदगी से वर्जिनिटी तय नहीं होती

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विज्ञान के अनुसार वर्जिनिटी कोई शारीरिक स्थिति नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक अवधारणा है। लेकिन किसी महिला के हाइमन को देखकर यह तय नहीं किया जा सकता कि वह वर्जिन है या नहीं। 

4. पहली बार सेक्स में खून आना जरूरी नहीं

यह एक आम मिथक है कि पहली बार सेक्स करने पर खून आना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पहली बार sex से हाइमन के टूटने से खून आता है और ये सेक्स के समय ही हो सकता है वैज्ञानिक रूप से ऐसा जरूरी नहीं है। कई महिलाओं को पहले सेक्स में खून नहीं आता।

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5. वर्जिनिटी टेस्ट साइंटिफिक नहीं है

साइंस के अनुसार किसी भी महिला में फिजिकल टेस्ट करके यह नहीं पता लगाया जा सकता कि उसने सेक्स किया है या नहीं। यह टेस्ट पूरी तरह अवैज्ञानिक, भेदभावपूर्ण और महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है। 

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