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Image: (Freepik)
What To Do To Prevent From UTI After Sex? सेक्स के बाद अगर आप बार-बार वॉशरूम जाती हैं, आपके वजाइना में जलन या पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है तो आपको UTI (Urinary Tract Infection) होने की संभावना हो सकती है। यह इन्फेक्शन महिलाओं के यूरिनरी सिस्टम को प्रभावित करता है जिसमें किडनी, ब्लैडर, यूरेटर और यूरिथ्रा शामिल होते हैं। यूरिथ्रा (मूत्राशय) एक छोटा इंटरनल पार्ट होता है जो वेजाइना और एनस के पास होता है और इन पार्ट्स के पास होने की वजह से इसमें बैक्टीरिया आसानी से सेक्स के दौरान प्रवेश कर सकता है। और इसी वजह से पुरुषों की तुलना में महिलाओं में UTI होने की संभावना 40 गुना तक ज्यादा होती है। यही नहीं बल्कि करीब 50% या उससे ज्यादा महिलाएं जीवन में कम से कम एक बार इस इन्फेक्शन की चपेट में आती हैं और सेक्स भी इसके होने की एक वजह बन सकता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि UTI के प्रति सावधानी बरतना और इससे बचाव करना महिलाओं कितना जरूरी है। जानिए सेक्स के बाद महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
Sex के बाद UTI से बचाव
क्या आप सेक्स से पहले और बाद में urinate करती हैं?
यूटीआई से बचाव का सबसे आसान और असरदार तरीका सेक्स से पहले और बाद में टॉयलेट करना हो सकता है क्योंकि इससे यूरिथ्रा में मौजूद बैक्टीरिया पेशाब के साथ ही बाहर निकल जाते हैं। वहीं सेक्स के बाद जब आप टॉयलेट करती हैं तो सेक्स के दौरान वजाइना में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। यह यूरिनरी ट्रैक्ट को क्लीन रखने में मदद करता है इसलिए डॉक्टर खासतौर पर इस आदत को अपनाने की सलाह देते हैं।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
UTI से बचाव के लिए एक और बेहतरीन तरीका है ज्यादा पानी पीना। महिलाओं को दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी होता है क्योंकि यह यूरिन के जरिए बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। ज्यादा पानी पीने से बार-बार टॉयलेट आता है, जिससे यूरिनरी सिस्टम नियमित रूप से फ्लश होता रहता है जिससे बैक्टीरिया को पनपने का मौका नहीं मिलता और न ही इन्फेक्शन फैलाने का खतरा रहता है। इसलिए अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं तो हर रोज ज्यादा से ज्यादा पानी और लिक्विड अपनी डाइट में शामिल जरूर करें।
प्रोबायोटिक्स का सेवन करें
प्रोबायोटिक्स यानी गुड बैक्टीरिया शरीर में मौजूद बैड बैक्टीरिया से प्रोटेक्ट करने में मदद करते हैं। साथ ही ये यूरिथ्रा और वजाइना के pH लेवल को भी बैलेंस रखते हैं जिससे यूटीआई का खतरा कम हो जाता है। महिलाओं को प्रोबायोटिक सप्लिमेंट्स (जैसे कैप्सूल्स) डॉक्टर की सलाह से लेने चाहिए और या फिर नेचुरल सोर्स जैसे दही, छाछ, कांजी जैसे फर्मेंटेड ड्रिंक्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। ये आपकी आंत और वजाइना दोनों को स्वस्थ रखते हैं और खासतौर पर बार-बार होने वाली UT Infection से निजात दिलाने में मददगार होते हैं।
D-Mannose का सेवन लाभदायक
D-Mannose एक नचुरल शुगर होती है जो खासतौर पर E.coli बैक्टीरिया (UT इंफेक्शन फैलाने वाले मुख्य बैक्टीरिया) को ब्लैडर वॉल पर चिपकने से रोकती है। जब यह शुगर यूरिन में मिलती है तो बैक्टीरिया इससे चिपक जाते हैं और टॉयलेट के जरिए बाहर निकल जाते हैं। यह ऐसी महिलाओं के लिए एक असरदार उपाय है, जिन्हें बार-बार UTI होता है। आप इसे डॉक्टर की सलाह के बाद पाउडर या टैबलेट के रूप में ले सकती हैं। ये दवा एक एंटीबायोटिक की तरह असर करती है और इसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं।
लहसुन का सेवन करें
लहसुन में allicin तत्व पाया जाता है जो कि एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। यह खासकर ऐसे हानिकारक बैक्टीरिया को मरने का काम करता है जो वेजाइना और यूरिथ्रा में इन्फेक्शन फैलाने का काम करते हैं। रोज़ाना कच्चा लहसुन खाने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। साथ ही यह वजाइना के अंदर "गुड बैक्टीरिया" को सपोर्ट करता है और "बैड बैक्टीरिया" से बचाता है। जिन महिलाओं को बार-बार यूरिन इंफेक्शन होता है उनके लिए लहसुन एक नेचुरल प्रोटेक्टर की तरह काम कर सकता है।