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Women Should Know These 5 Things About Post Pregnancy Intimate Hygiene: प्रेग्नेंसी महिलाओं के लिए बेहद खास होती है और माँ बनने का एहसास उनकी जिंदगी का सबसे प्यार एहसास होता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के साथ-साथ शरीर में कई बदलाव भी आते हैं और ऐसे में महिलाओं को सेहत और शरीर दोनों का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। खास कर के प्रेग्नेंसी के बाद इंटीमेट हाइजीन पर आपको ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि आपकी बॉडी में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे में किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए महिलाओं को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
पोस्टपार्टम इंटीमेट हाइजीन टिप्स
1. गुनगुने पानी से करें जेनिटल्स की सफाई
डिलीवरी के बाद जेनिटल्स की सफाई का खास ध्यान महिलाओं को रखना चाहिए और कम से कम 10 से 15 दिनों तक साफ-सफाई के लिए गुनगुन पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। वॉर्म वॉटर जेनिटल्स में किसी भी तरह के इन्फेक्शन को होने से रोकता है और अगर कोई चोट या घाव हो तो उसे भी ठीक करने में मदद करता है लेकिन वहीं ठंडा या ज्यादा गर्म पानी जलन और खुजली को बढ़ाता है। इसलिए दिन में कम से कम दो बार या जब भी टॉयलेट के लिए जाएं गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
2. आगे से पीछे की ओर वाइप करें
इंटिमेट हाइजीन बनाए रखने के लिए महिलाओं साफ करने की सही डायरेक्शन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जब भी आप वॉशरूम जाएं हमेशा फ्रंट से बैक की तरफ ही पोंछें। इससे वजाइना से एनस तक बैक्टीरिया के फैलने की संभावना कम हो जाती है और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा भी नहीं रहता। वहीं उल्टी डायरेक्शन में साफ करने से बैक्टीरिया वजाइना तक पहुंच सकते हैं और इन्फेक्शन कर सकते हैं।
3. साबुन या केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट्स से बचें
डिलीवरी के बाद महिलाओं की वजाइना की स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है और अगर इस समय आप साबुन या शॉवर जैलया कोई और केमिकल युक्त प्रोडक्ट इंटीमेट एरिया पर इस्तेमाल करती हैं तो जलन, खुजली और ड्राइनेस हो सकती है क्योंकि ये प्रोडक्ट्स वजाइना के नेचुरल pH को बिगाड़ देते हैं। इसलिए सफाई के लिए सादा पानी या ऐसे इंटिमेट वॉश का इस्तेमाल करें जो pH बैलेंस्ड और केमिकल-फ्री भी हो। इससे वजाइना के बैक्टीरिया का बैलेंस भी बना रहेगा और इंफेक्शन से भी बचा जा सकेगा।
4. रेगुलर पैड बदलें
डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई दिनों तक ब्लीडिंग होती है और इस दौरान सैनिटरी वो पैड का इस्तेमाल करती हैं, जिसका सही तरीके से और समय पर बदलते रहना बहुत जरूरी है क्योंकि लंबे समय तक पहने गए पैड बैक्टीरिया के बढ़ने की वजह बन सकते हैं जिससे इंफेक्शन होता है। इसलिए ध्यान से हर 4 या 6 घंटे में पैड बदलें।
5. कॉटन अंडरवियर पहनें
महिलाओं को सिंथेटिक या टाइट अंडरवियर पहनने से बचना चाहिए क्योंकि यह हवा पास नहीं होने देते जिससे पसीना आता है और खुजली, जलन या चिपचिपाहट होती है। इसकी जगह आप हल्के और कॉटन के अंडरवियर पहनें जो स्किन को सांस लेने देती है और नमी को सोखने में मदद करती है। इससे जलन और इंफेक्शन से भी बचाव होता है और बैक्टीरिया का खतरा भी नहीं होता।