नवरात्रि में पहनावा सिर्फ सजने-सँवरने का माध्यम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और भावनात्मक घोषणा हैं। इस नवरात्रि पहनावे से महिलाएं अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानती हुए, उसे जीए। कैसे पहनावा महिलाओं के आत्मबल को बढ़ा सकता है, चलिए जानते हैं:
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