समाज में आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो महिलाओं के कपड़ों के आधार पर उनके चरित्र का आकलन करते हैं। यह सोच महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन करती है, और समाज में यौन शोषण और उत्पीड़न को भी बढ़ावा देती है।
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