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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि विवाह के अपूरणीय टूटने को हिंदू विवाह अधिनियम में तलाक का आधार बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आधुनिक समय में शादी के मायने बदल गए हैं और तलाक का आधार भी बदल गया है।
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