इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अविवाहित बेटियों को उनकी उम्र या धार्मिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना अपने माता-पिता से भरण-पोषण का अधिकार है।
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