तीन महिलाएँ - पत्रकार रेवती लौल, राजनीतिज्ञ सुभाषिनी अली और प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा - ने बिलकिस बानो के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी। 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों की सजा की सजा रद्द कर दी और उन्हें वापस जेल भेज दिया।
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