पहले तो औरतों को घर से बाहर जाने और पैसा कमाने की आज़ादी तक नहीं थी। बेटी की कमाई को हराम समझा जाता था। अब समय थोड़ा बदल गया है। औरत बाहर कमाने तो जाती है, लेकिन उसे और उसकी कमाई को इज्ज़त की नज़र से नहीं देखा जाता।
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