जगत में महिलाएं अब न सिर्फ भाग ले रहीं हैं बल्कि पुरुषों के बराबर रिकॉर्ड भी तोड़ रही हैं।ये एक सकारात्मक बदलाव है जो परंपरागत सोच को चुनौती दे रहा है और साथ ही साथ यह महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल भी है।
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