सभी पेरेंट्स को ये राय है कि शादी की प्लानिंग से पहले बेटी की फाइनेंशियल सिक्योरिटी की प्लानिंग करें व दिखावे के खर्चों पर कण्ट्रोल करें। दिखावे के खर्चों की जगह बच्चों के एजुकेशन पर खर्चा करें।
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