Technology : सूचना प्रौद्योगिकी के विस्फोटक विकास ने दुनिया को बदलकर रख दिया है। तकनीक ने संचार, शिक्षा, व्यापार और रोज़मर्रा के जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। लेकिन डिजिटल दुनिया में यह क्रांति असमानता से भी ग्रस्त है। भारत में, डिजिटल डिवाइड की खाई चौड़ी है, खासकर लिंग के आधार पर।
आइए जानते हैं की महिलाएं टेक्नोलॉजी में कैसे आगे बढ़ रही है
एक तरफ, तकनीकी कौशल और डिजिटल साक्षरता महिलाओं को सशक्त बना सकती है, वहीं दूसरी तरफ इन तक पहुंच का अभाव उन्हें विकास की दौड़ में पीछे छोड़ सकता है। आइए, गहराई से समझते हैं कि भारत में महिलाओं के लिए डिजिटल पहुंच और साक्षरता क्यों महत्वपूर्ण है।
टेक्नोलॉजी का महिला सशक्तीकरण से संबंध
आर्थिक सशक्तिकरण
तकनीक महिलाओं को उद्यमी बनने, ऑनलाइन व्यापार करने और दूरस्थ कार्य में संलग्न होने के लिए उपकरण प्रदान करती है। ई-कॉमर्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म महिलाओं को अपने उत्पादों और सेवाओं को बेचने का एक वैश्विक मंच देते हैं। डिजिटल मार्केटिंग और वित्तीय प्रबंधन कौशल सीखकर, वे अपने व्यवसायों को बेहतर ढंग से चला सकती हैं।
शिक्षा और रोजगार के अवसर
ऑनलाइन पाठ्यक्रम और शिक्षण संसाधन महिलाओं को अपने कौशल को विकसित करने और नए ज्ञान प्राप्त करने का अवसर देते हैं। उदाहरण के लिए, एक ग्रामीण क्षेत्र की महिला कपड़ों की सिलाई का हुनर रखती है, लेकिन बाज़ार तक पहुंच न होने के कारण वह अपने हुनर का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं कर पाती। ऑनलाइन ट्रेनिंग और मार्केटिंग के ज़रिए वह डिजाइनिंग और फैशन के क्षेत्र में नया सीख सकती है और ऑनलाइन बिक्री के ज़रिए अपने ग्राहक ढूंढ सकती है। डिजिटल साक्षरता उन्हें बेहतर रोजगार पाने में भी मदद करती है, खासकर आईटी और संबंधित क्षेत्रों में।
सामाजिक जुड़ाव और निर्णय क्षमता
सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से महिलाएं विचारों का आदान-प्रदान कर सकती हैं, समान विचारधारा रखने वाली महिलाओं के साथ जुड़ सकती हैं और सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद कर सकती हैं। डिजिटल माध्यमों से उन्हें सरकार की योजनाओं और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता प्राप्त होती है, जो उन्हें सशक्त निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
स्वास्थ्य जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच
डिजिटल माध्यमों से महिलाएं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकती हैं, टेलीमेडिसिन का उपयोग कर डॉक्टरों से परामर्श कर सकती हैं और आयुर्वेद या योग जैसे पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जानने के लिए ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकती हैं। यह उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच प्राप्त करने में मदद करता है।