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जी हाँ| हम नवाबों की इस शहर की बात कर रहे हैं, जिसे हाल ही में भारत सरकार ने पहली 20 संभावित 'स्मार्ट सिटीस' की श्रेणी के लिए चुना था| लखनऊ की मौजूदा सरकार की व्यवसाय में दिलचस्पी और बढ़ती आधारिक संरचनाओं को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि लखनऊ आने वाले समय में यह शहर व्यवसाय के बड़े केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा| हाल ही में, शिथेपीपल टीवी ने इस शहर का गहरा अध्ययन करके यहाँ की महिला उद्ययमियों के व्यवसाय, संकल्प और इनसे जुड़े मसलों के बारे में जानने की कोशिश की| हमें मालूम पड़ा कि यहाँ की महिला उद्यमी ना केवल नये और स्थाई समाधान ले कर आई हैं, बल्कि इनके उपाय हमारे समाज से जुड़ी कई गहरी-पुरानी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं||
इनके व्यवसाय के बारे में पढ़ कर आपको ज़रूर कुच्छ प्रेरणा मिलेगी| यह रही कुच्छ महिला उद्यमी, उनके रचनात्मक विचार, चुनौतियाँ और उनसे निपटने के इनके उपाय:
पल्लवी बिश्नोई (रियल-टाइम रिन्यूअबल्स)
पल्लवी हर रोज़ भारत के 2000000 लीटर पानी की पुनरवृत्ति कर रही हैं, जिससे वे अपनी रोज़ी भी कमाती हैं! अपना व्यवसाय शुरू करने से पहले पल्लवी ने युनाइटेड स्टेट्स, नॉर्वे और युरोप में इसी व्ययसाव में अनुभव प्राप्त किया| आज वे रियल टाइम रिन्यूअबल्स के द्वारा अनेक कंपनीज़, घर और संस्थाओं के लिए यह काम करती हैं| लुक्कंऊ में व्यवसाय करने के बारे में वे यह सोचती हैं:
लूखनऊ में व्यवसाय के बारे में मैं बस यह कहना चाहती हूँ कि लोगों को व्यवसाय की प्रशंसा करने की आवश्यकता है, ना की उसके पीछे के चहरे की| मैं नहीं चाहती कि लोग कहे की 'महिला होने के बावजूद' इसने यह किया | मैं चाहती हूँ कि लोग कहे 'क्योंकि यह महिला है'| मैं इस टॅग को गर्व के साथ पहनूँगी ||
श्रीष्टि साहू (अक़ाया)
एक व्यवसाय घराने से आने वाली श्रीष्टि ने अपने लिए समुदाय के नेतृत्व से किया जाने वाला व्यवसाय चुना| उन्होने अपने तकनीकी और प्रबंधकीय कौशल को इस्तेमाल कर वे आने वाले 'अगले बिलियन' लोगों की ज़रूरतों के लिूए स्थाई समाधान बना रहे हैं| अपने शहर और उसके वातावरण के बारे में उनका यह कहना है:
इस शहर की युवा पीढ़ी को अब बड़े शहरों में जाने की ज़रूरत नहीं है, वे टेक्नालजी के ज़रिए व्यवसाय के पुराने रूढ़िवादी तरीके बदल सकती हैं| यह सोचिए के बदलाव की इस लहर पर पहले सवार होने का आपको कितना फ़ायडा होगा, और ऐसे आप इस शहर के विकास में बड़ा सहयोग करोगे| बड़ी समस्याओं में बड़े अवसर होए हैं, और मुझमें आने वाले पाँच सालों के बदलाव को लेकर काफ़ी उत्साह है| यहाँ की यहाँ के उद्यमी, खास तौर पर महिला उद्यमियों को लेकर उत्साहित हूँ| यह महिलायें आयेज आकर असली बदलाव लाएँगी|
आरती वैद (बटर्कप बंगलो)
इन्हे शहर के एक प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में कुच्छ जगह मिली, जिसका इन्होने सही इस्तेमाल किया| बिना बेकिंग में कोई ख़ास शिक्षा पाए, यह शहर के सबसे खूबसूरत और रचनात्मक फॉंडेंट केक्स, पेस्ट्रीस वाफल्स जैसे कई अनेक अँग्रेज़ी ब्रेकफास्ट की चीज़ें बनाती हैं| उनके व्यवसाय को अद्वितीय बनता है रचनात्मकता की ओर इनका झुकाव, जिसके चलते वे हर बार कुच्छ नया लेकर आती हैं, जिसके लिए उनके कस्टमर्स वापस आते रहते हैं|
मेरी सबसे बड़ी चुनौती है अपने स्टाफ को बनाए रखना| मुझे नहीं पता हमें इसे कैसे बदल सकते हैं, पर हमेशा या तो मेरे शेफ भाग जाते हैं, या तो कोई ना कोई उन्हे कोई बहतर तनख़्वा का लालच देकर ले जाता हैं||
निधि टॅंडन (स्किन आर्ट क्लिनिक)
बंबई से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होने कुच्छ समय सामाजिक क्षेत्र में काम किया, जिसके बाद उन्होने अपने घर लौट कर शरीर से संबंधित कई समस्याओं का समाधान प्रदान करना शुरू किया, जिसके लिए पहले उन्हे बड़े शहरों या विदेश जाना पड़ता था| अपनी महनत से कई जगह अनुभव प्राप्त करके उन्होने लखनऊ शहर को उसका पहला बिना सर्जरी के शार्र सुधार के लिए क्लिनिक दिया|
अपने मार्ग में आने वाली उद्यमी चुनौतियों के बारे में उनका यह कहना है:
एक उद्यमी होने वैसे ही कती है, उसके उपर एक महिला होने से भी कई चुनौतियाँ आती हैं, क्योंकि हम घर और व्यवसाय दोनो साथ चलाना पड़ता है| लखनऊ का भविष्य बहुत उजागर है और ऐसे में कई विकासशील सोच वाली महिला उद्यमी सामने आई हैं, जो अपने दम पर कुच्छ करना चाहती हैं| मैं चाहती हूँ कि लोग महिला उद्यमियों के कौशल को भी पहचाने और उन्हे बराबरी का मौका दे|
श्वेता और कोमैल्क नाग (festivfeel.com)
जब इन बहनो को अहसास हुआ कि शहर या देश में बजेट में आने वाली अच्छी त्योहार में पहनने लायक ज्यूयलरी मार्केट नहीं है, तो उन्होने festivefeel.comकी शुरुआत की| इनकी वेबसाइट पर हर उमर के इंसान को कुच्छ ना कुच्छ ज़रूर पसंद आएगा| इनकी अंगूठियाँ लाजवाब हैं||
यह इनका पहला स्टरताप नहीं है| इससे पहले इन बहनों ने 2014 नें एक ब्रान्डिंग और डिज़ाइन स्टूडियो शुरू किया| उद्यमी होने के बारे में उनका यह कहना है:
लखनऊ में कई महिला उद्यमी आ चुकी हैं जो लहर की विपरीत दिशा में जेया कर बहुत अच्छा काम कर रही हैं| अगर किसी चीज़ की कमी है तो वह है फंडिंग और अच्छी मेनटरशिप की||
हमें आशा है कि यह महिलायें पुरांर कायडे ख़तम कर इस शहर में वह उद्यमी लहर लाएँगी जिसकी इसे ज़रूरत है||