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Republic Day 2024: 5 महिलाएं जिनका भारतीय संविधान के निर्माण में रहा अमूल्य योगदान

हर साल 26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस मानते हैं। ये वही दिन हैं जबसे भारत में संविधान लागू किया गया था। भारत का संविधान दुनिया में सबसे विशाल संविधान है। जिसमे कुल 395 अनुच्छेद 25 भाग और 12 अनुसूचियां शामिल हैं।

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Ayushi Jha
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 (India Today)

(Image Source: India Today)

5 Women Who Had Invaluable Contribution In The Making Of The Indian Constitution: हर साल 26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस मानते हैं। ये वही दिन है जबसे भारत में संविधान लागू किया गया था। भारत का संविधान दुनिया में सबसे विशाल संविधान है। जिसमे कुल 395 अनुच्छेद 25 भाग और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। इस संविधान को बनाने के लिए एक सभा का गठन किया गया था जिसमे 389 सदस्य थे। इसमें से हम कई महान पुरुषों को तो जानते हैं पर कहीं न कहीं इस सभा की महिलाओं को हम भूल चुके हैं। आइये हम आपको पांच ऐसी 5 महिलाओं के बारे में बताते हैं जिन्होंने संविधान को लिखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। 

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Republic Day 2024: 5 महिलाएं जिनका भारतीय संविधान के निर्माण में रहा अमूल्य योगदान

1. सरोजिनी नायडू 

बचपन में अपने किताबों में आपने इनका नाम तो जरुर सुना होगा। सरोजिनी नायडू को ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। इनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष के तौर पर चुनी गयी थीं और बादमे इन्हें पहली राज्य गवर्नर भी नियुक्त किया गया था। नायडू की संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 

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2. रेणुका रे 

रेणुका रे ने अपनी शिक्षा लंडन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से की थी। रे ने ‘भारत में महिलाओं की कानूनी विकलांगता’ नामक एक दस्तावेज प्रस्तुत किया था। रेणुका आईसीए अधिकारी सतीश चन्द्र मुखर्जी की बेटी थी। ये संविधान सदस्य का हिस्सा तो थी ही बाद मे इन्होंने बंगला महिला संघ का गठन भी किया था। 

3. राजकुमारी अमृत कौर 

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राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को लखनऊ में हुआ था। ये कपूरथाला के पूर्व महाराज के बेटे हरनाम सिंह की बेटी थीं। कौर ने देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान की स्थापना की थी। भारत में इन्होंने 10 साल तक सवास्थ मंत्री की उपाधि भी संभाली। इनके निधन के बाद द न्यूयॉर्क टाइम्स ने इन्हें ‘राजकुमारी’ की उपाधि दी।

4. एनी मास्कारेन

इनका जन्म भारत के  तिरुवनंतपुरम में हुआ था। इन्होंने त्रावणकोर राज्य की सवंत्रता में मुख्य भूमिका भी निभाई हैं। एनी मास्कारेन केरल की पहली महिला सांसद थी। राजनीती गतिविधियों के लिए इन्हें जेल भी जाना पड़ गया था। 

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5. पूनम बनर्जी 

उत्तर प्रदेश में आजादी के हक़ में आवाज उठाने वाली पूनम बनर्जी भी संविधान सभा की सदस्य थीं। वह इलाहाबाद से भारतीय राष्ट्र कांग्रेस कमेटी की सचिव थीं। इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन और सत्याग्रह में अपनी भी अपनी  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

सूचना: इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन ख़ुशी जायसवाल का है।

Republic Day 2024 संविधान
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