कनाडा की 59 वर्षीय डॉना जीन वाइल्ड ने एक घंटे में सबसे अधिक पुशअप्स करने वाली महिला के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा। यह महिला, जो 12 पोते-पोतियों की दादी हैं, ने 1,575 पुशअप्स करके न केवल इस रिकॉर्ड को तोड़ा, बल्कि अपने पोते-पोतियों के सामने इस अद्भुत उपलब्धि को हासिल किया। उनके पोते ने पोस्टर बनाकर कहा, "मेरी दादी आधिकारिक रूप से अद्भुत हैं!"
पहले प्लैंक, अब पुशअप्स: 59 साल की यह महिला फिटनेस रिकॉर्ड्स तोड़ रही हैं
पुशअप्स करते समय भावनाओं से भरी डॉना की कहानी
डॉना ने गिनीज से बात करते हुए कहा, "मैं खुशी के आंसू रोकने के लिए संघर्ष कर रही थी और साथ ही पुशअप्स जारी रखे। मुझे अभी भी मजबूत महसूस हो रहा था और मैं अगले 17 मिनट में एक उच्च संख्या में पुशअप्स पूरा करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही थी।" वह बताती हैं कि पुशअप्स के लिए 90 डिग्री पर कोहनी मुड़ी हुई और पूरी तरह से ऊपर की ओर बढ़ाई जाती हैं, यह आवश्यक है।
उनका संदेश है - "विश्वास रखो।" और यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि डॉना पहले भी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का हिस्सा बन चुकी हैं।
चिकनाहट के बावजूद रिकॉर्ड तोड़ने का संघर्ष
अप्रैल में डॉना ने महिला द्वारा सबसे लंबे समय तक प्लैंक करने का रिकॉर्ड भी तोड़ा था। उन्होंने 4 घंटे 30 मिनट और 11 सेकंड तक प्लैंक किया। इस दौरान डॉना को क्रोनिक दर्द भी था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
डॉना ने कहा, "मेरे कोहनी बहुत दर्द कर रही थीं और मुझे अपनी स्थिति को खोने का डर था। पहले कुछ घंटे मुझे आसान लगे, लेकिन आखिरी घंटा सबसे कठिन था।" हालांकि, यह उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया और उन्होंने अपने दर्द को सहते हुए प्लैंक की स्थिति में रहते हुए अन्य कार्य किए जैसे कि फिल्में देखना और मास्टर डिग्री की पढ़ाई करना।
चिरकालिक दर्द के बावजूद प्लैंक रिकॉर्ड की ओर बढ़ते हुए डॉना की प्रेरणादायक यात्रा
12 साल पहले डॉना के हाथ की हड्डी टूटने के बाद से उन्हें हमेशा के लिए हाथों और कंधों में दर्द रहने लगा। लेकिन जब उन्होंने महसूस किया कि वह वजन नहीं उठा सकतीं और दौड़ नहीं सकतीं, तो उन्होंने प्लैंक करना शुरू किया। यही वह समय था जब डॉना ने प्लैंक को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया।
उनका अनुभव यह बताता है कि अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो दर्द को नज़रअंदाज कर लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
डॉना का संदेश: अभ्यास से सब कुछ संभव है
डॉना ने रिकॉर्ड बनाने के लिए जो तरीका अपनाया, वह बेहद दिलचस्प था। उन्होंने रोजाना 6 घंटे की प्लैंक ट्रेनिंग की - तीन घंटे एक बार और फिर बाकी तीन घंटे अलग से। उन्होंने यह भी सलाह दी कि जो लोग रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं, वे अपनी रोज़ की गतिविधियाँ करते हुए प्लैंक करें। डॉना का मानना है कि जब आप कंप्यूटर या किताब पढ़ रहे हों, तो आप उस समय प्लैंक कर सकते हैं और इस प्रकार से अभ्यास कर सकते हैं।
डॉना की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि अगर आप मेहनत और लगन से काम करें, तो उम्र कोई बाधा नहीं होती।