Advertisment

खून में दौड़ती है कुश्ती: ओलंपिक पदक पर टिकीं अंशु मलिक की नजरें

अंशु मलिक, एक भारतीय कुश्ती की उदीयमान स्टार, जिनके खून में कुश्ती दौड़ती है। उनके ओलंपिक सपने और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने की कहानी जानें। जानिए उनकी चुनौतियों और वापसी की प्रेरणादायक यात्रा।

author-image
Vaishali Garg
New Update
Anshu malik

Anshu Malik: The Fiery Fighter Chasing Olympic Glory: अंशु मलिक ने एक बार फिर अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए पेरिस ओलंपिक में जगह पक्की कर ली है। यह उपलब्धि उन्हें अंतिम पंगल, विनेश फोगाट और रीतिका हुड्डा जैसी भारतीय महिला पहलवानों की श्रेणी में लाती है। किर्गिस्तान के बिश्केक में हुए एशियाई क्वालीफायर में 57 किलो वर्ग में जीत हासिल कर उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और कौशल को साबित किया। महज छह मिनट में जीत हासिल कर मलिक ने चौथी भारतीय महिला पहलवान के रूप में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।

Advertisment

खून में दौड़ती है कुश्ती: ओलंपिक पदक पर टिकीं अंशु मलिक की नजरें

"चार साल में एक बार आने वाले ओलंपिक के लिए कट बनाने का दबाव हमेशा रहता है, लेकिन मैं सकारात्मक सोच के साथ थी और जो भी आएगा उसे स्वीकार करने के लिए तैयार थी," मलिक ने एक मीडिया पोर्टल को बताया।

"पिछले ओलंपिक में जो कमी रह गई थी, उसे अब इस ओलंपिक में पूरा करना है," उन्होंने कहा।

Advertisment

2021 की विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में मलिक की ऐतिहासिक जीत

साल 2021 में, इस पहलवान ने नॉर्वे के ओस्लो में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। मलिक चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला और इसलिए रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

उन्होंने दो बार की ओलंपिक पदक विजेता हेलेन मारोलिस को कड़ी टक्कर दी, जिन्होंने स्वर्ण पदक जीता। क्वार्टर फाइनल में टखने की चोट और कोहनी की चोट के बावजूद मलिक ने अपना प्रदर्शन बनाए रखा।

Advertisment

मलिक ने यूक्रेन की यूरोपीय रजत पदक विजेता सोलोमिया व्यन्निक को महिलाओं की 57 किलो वर्ग के सेमीफाइनल में हराया। उनसे पहले की सभी भारतीय महिला पहलवानों, गीता फोगाट, बबीता कुमार, पूजा ढांडा, विनेश फोगाट और अलका तोमर ने कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते थे।

सुरेश कुमार और बजरंग पुनिया के बाद, क्रमशः 2010 और 2018 के रजत पदक विजेता, अंशु मलिक इस मुकाम तक पहुंचने वाली तीसरी भारतीय पहलवान हैं। मलिक जूनियर विश्व रजत पदक विजेता और कैडेट विश्व चैंपियन भी हैं।

उनके पिता और पूर्व पहलवान धर्मवीर ने स्पोर्ट्सस्टार को बताया, "क्वार्टर फाइनल में उनकी टखने में चोट लग गई थी, लेकिन उन्होंने दर्द निवारक दवा लेने के बाद सेमीफाइनल की लड़ाई लड़ी। इसलिए वह पिछली रात अपना वजन कम नहीं कर सकी और आज सुबह किया।"

Advertisment

टोक्यो ओलंपिक में मलिक की हार

साल 2021 में मलिक ओलंपिक में रजत पदक विजेता इरीना कुराचकिना से हार गई थीं। उनके पिता ने कहा कि ओलंपिक में हार का सामना करने के बाद उन्होंने मलिक को अपने कर्म पर विश्वास करने के लिए कहा।

अंशु मलिक ने अपना विजेता भाषण दिया, जिसका वीडियो यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने पोस्ट किया था। उन्होंने कहा, "मैं बेहद खुश हूं। ओलंपिक में मैं जिस तरह से प्रदर्शन करना चाहती थी, वैसा नहीं कर सकी। मैं बता नहीं सकती कि मैंने उस (बाएं कोहनी) चोट के साथ एक महीने तक कैसे प्रशिक्षण लिया। मैं ओलंपिक में अपना निराशाजनक प्रदर्शन दोहराना नहीं चाहती थी।"

Advertisment

उन्होंने कहा कि हर मुकाबला उनके लिए आखिरी जैसा लग रहा था, "अब या कभी नहीं"।

एक साल के अंतराल का कारण

पिछले चार वर्षों में उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते हैं, साथ ही एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पदक जीते हैं। हालांकि, अप्रैल 2023 में अस्ताना में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान उन्हें बाएं पैर में एमसीएल की चोट लग गई, फिर भी उन्होंने कांस्य पदक के साथ खेल खत्म किया।

Advertisment

लेकिन चूंकि एशियाई खेल सिर पर थे, इसलिए उनकी चोट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा सका। इस आयोजन से सिर्फ दस दिन पहले चोट और बिगड़ गई और वह भाग नहीं ले सकीं। नवंबर 2023 में ही उन्होंने अपने पिता और कोच अजय दांडा के साथ हरियाणा के मिर्चपुर में शहीद भगत सिंह अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की।

एक साल के ब्रेक के बाद उन्होंने इस साल फरवरी में जयपुर में नेशनल चैंपियनशिप से शुरुआत की जहां उनका सामना एक परिचित प्रतिद्वंद्वी सरिता मोर से हुआ, जिन्होंने एशियाई खेलों के ट्रायल में उन्हें हराया था।

अंत में, पेरिस ओलंपिक क्वालीफाई करने के बाद, उन्होंने पिछले छह महीनों से चल रहे व्यस्त प्रशिक्षण से छुटकारा पा लिया। उन्होंने ब्रेक भी लिया, परिवार के साथ छुट्टी मनाई, दिल खोलकर पिज्जा खाया और फिल्में देखीं।

Advertisment

अंशु मलिक ने दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास से न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल की हैं बल्कि भारतीय महिला कुश्ती के लिए भी नई ऊंचाइयां स्थापित की हैं। उनकी ओलंपिक यात्रा के अगले चरण का बेसब्री से इंतजार है।

Olympic Winner Olympic Olympics 2024 India At Paris Olympics
Advertisment