Kiran Mazumdar Shaw Receives Jamsetji Tata Award for Contributions to Bioscience: किरन मजूमदार शॉ, जो बायोकॉन की संस्थापक और चेयरपर्सन हैं, को भारतीय समाज के लिए उनकी बायोसाइंस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए जमशेदजी टाटा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 14 दिसंबर को भारतीय गुणवत्ता समाज (ISQ) द्वारा बेंगलुरु में दिया गया।
बायोसाइंस की क्षेत्र में क्रांति लाने वाली किरन मजूमदार शॉ को जमशेदजी टाटा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
जमशेदजी टाटा अवॉर्ड: एक प्रतिष्ठित सम्मान
इस सम्मान का नाम जमशेदजी टाटा के नाम पर रखा गया है, जिन्हें आधुनिक भारतीय उद्योग का पितामह माना जाता है। यह पुरस्कार उन व्यवसायिक नेताओं को दिया जाता है जिन्होंने भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो और जिनका ध्यान गुणवत्ता, प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता पर केंद्रित हो।
किरन मजूमदार शॉ का योगदान
किरन मजूमदार शॉ ने इस पुरस्कार को स्वीकार करते हुए कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर है जिनकी धरोहर, नवाचार और समाज निर्माण की दिशा आज भी हमें प्रेरित करती है।" उन्होंने इस पुरस्कार को बायोकॉन ग्रुप के उन अद्वितीय टीम सदस्यों के समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम बताया, जिन्होंने उनके साथ मिलकर इस सफर में योगदान दिया।
भारतीय बायोसाइंस क्षेत्र में बदलाव की दिशा में किरन का योगदान
किरन मजूमदार शॉ ने 1978 में बायोकॉन की स्थापना की, जो एक वैश्विक बायोफार्मास्युटिकल कंपनी है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने भारतीय बायोसाइंस उद्योग को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बना दिया है। वे स्वास्थ्य सेवा में समान पहुंच के लिए समर्पित हैं और किफायती नवाचार के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास कर रही हैं।
किरन मजूमदार शॉ की प्राप्तियां
उनकी उपलब्धियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। उन्हें पद्म श्री (1989) और पद्म भूषण (2005) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। 2020 में उन्हें EY वर्ल्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर के रूप में भी सम्मानित किया गया।
किरन मजूमदार शॉ का जीवन एक प्रेरणा है जो न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समग्र समाज के लिए मार्गदर्शन प्रस्तुत करता है।