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ओलंपिक की रिंग में उतर रही हैं 20 साल की मुक्केबाज़ प्रीति पवार

सिर्फ 20 साल की उम्र में ओलंपिक में कदम रख रही हैं प्रीति पवार। खेल और कला में समान रुझान रखने वाली इस युवा मुक्केबाज़ की कहानी जानें। क्या वह भारत को ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला स्वर्ण दिला पाएंगी?

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Vaishali Garg
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Boxer Preeti Pawar Determined To Make Olympic History

Preeti Pawar on X by @India_AllSports

20 Year Boxer Preeti Pawar Determined To Make Olympic History: सिर्फ 20 साल की उम्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रीति पवार पेरिस ओलंपिक में मुक्केबाजी का दम दिखाने उतर रही हैं। 28 जुलाई को वियतनाम की वो थी किम आन्ह के खिलाफ उनका पहला मुकाबला होगा। इस साल के ओलंपिक मुक्केबाजी दल में वह सबसे युवा सदस्य हैं, जिसमें दो बार की विश्व चैंपियन निकहत ज़रीन, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोर्गोहेन और राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन अमित पंघाल भी शामिल हैं।

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ओलंपिक की रिंग में उतर रही हैं 20 साल की मुक्केबाज़ प्रीति पवार

खेल के साथ कला का भी है गहरा नाता

प्रीति पवार ने कम उम्र में ही मुक्केबाजी में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। हरियाणा के एक जाट परिवार से आने वाली प्रीति का रुझान शुरू में मुक्केबाजी की ओर नहीं था, लेकिन पिता और चाचा के प्रोत्साहन ने उन्हें इस राह पर ला खड़ा किया। उनके चाचा विनोद साईं पवार नेशनल लेवल के मुक्केबाज रहे हैं और उन्होंने ही प्रीति को 14 साल की उम्र में मुक्केबाजी से रूबरू कराया।

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हालांकि मुक्केबाजी में उन्होंने सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं, लेकिन उनका पहला प्यार कला थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख में प्रीति के कला और स्केचिंग के प्रति लगाव का जिक्र है। उन्होंने बताया कि उन्हें स्केचिंग और मुक्केबाजी दोनों पसंद थे, लेकिन मौके मिलने पर उन्होंने खेल को करियर के रूप में चुना। ओलंपिक जैसा बड़ा मंच मिलने पर उनकी दोनों दुनियाएं एक-दूसरे से जुड़ गईं।

उपलब्धियां और ओलंपिक का सपना

प्रीति ने साल 2020 और 2021 में खेलो इंडिया युवा खेलों में क्रमशः रजत और स्वर्ण पदक जीते, साथ ही 2021 में युवा एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया।साल 2023 में उन्होंने सीनियर स्तर पर अपना डेब्यू किया और आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में प्री-क्वार्टरफाइनल तक पहुंचीं।

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उसी साल हांग्जो, चीन में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता। कजाखस्तान की तीन बार की विश्व चैंपियन और एशियाई मुक्केबाजी चैंपियन जैना शेकरबेकोवा के खिलाफ उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें टूर्नामेंट में आगे बढ़ने का रास्ता दिया और 2024 पेरिस ओलंपिक की टिकट भी मिली।

प्रीति का सपना ओलंपिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करना है। भारत ने इससे पहले ओलंपिक मुक्केबाजी में पदक जीते हैं लेकिन अभी तक कांस्य से आगे नहीं बढ़ सका है। वह 28 जुलाई को अपने पहले मुकाबले के साथ ओलंपिक डेब्यू करेंगी।

हरियाणा की बेटी प्रीति पवार ने कम उम्र में ही मुक्केबाजी में धूम मचा दी है। खेल और कला के प्रति उनका लगाव उन्हें एक अलग पहचान देता है। अब ओलंपिक की रिंग में उतरकर वह इतिहास रचने की तैयारी में हैं। देश को उनसे काफी उम्मीदें हैं।

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