![प्रतिका रावल ने जड़ी अपनी पहली ODI सेंचुरी](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/hindi/media/media_files/2025/01/15/3bamr3aFC7gDe2UuTn0z.png)
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा बल्लेबाज प्रतिका रावल ने आयरलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में अपने करियर का पहला शतक जड़कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए इस मैच में रावल ने 100 गेंदों में 14 चौकों की मदद से शतक पूरा किया।
प्रतिका रावल ने जड़ी अपनी पहली ODI सेंचुरी, मंधाना के साथ रचा इतिहास
शानदार फॉर्म में प्रतिका रावल
24 वर्षीय प्रतिका रावल ने अपने वनडे करियर के शुरुआती 6 मैचों में ही 400 से अधिक रन बना लिए हैं, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 58 का है और स्ट्राइक रेट 86.56 का, जो उनकी निरंतरता और आक्रामकता को दर्शाता है।
1⃣3⃣5⃣ runs
— BCCI Women (@BCCIWomen) January 15, 2025
8⃣0⃣ deliveries
1⃣2⃣ Fours
7⃣ Sixes
End of a tremendous knock from the #TeamIndia Captain 👏👏
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स्मृति मंधाना के साथ मजबूत साझेदारी
इस मैच में रावल ने स्मृति मंधाना के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 233 रनों की साझेदारी की, जिससे टीम को मजबूत शुरुआत मिली। मंधाना ने भी 135 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे भारतीय टीम ने बड़े स्कोर की नींव रखी।
Led from the front and how 👏👏
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What a knock THAT 🙌
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मनोविज्ञान ने कैसे बदली प्रतीका रावल की क्रिकेट यात्रा
दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी, 24 वर्षीय प्रतीका रावल ने कम उम्र में ही क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को पहचाना। तीसरी कक्षा से क्रिकेट खेलना शुरू करने वाली प्रतीका ने अपनी शिक्षा के साथ-साथ खेल में भी उत्कृष्टता प्राप्त की। मनोविज्ञान में गहरी रुचि रखने के कारण, उन्होंने नौवीं कक्षा से ही इस विषय का अध्ययन शुरू किया, जिससे उन्हें खेल के मानसिक पहलुओं को समझने में सहायता मिली।
हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ़ तीन मैचों की महिला वनडे श्रृंखला में, प्रतीका ने अपने पदार्पण मैचों में 40 और 76 रनों की महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जिससे भारत ने श्रृंखला 3-0 से अपने नाम की। इन सफलताओं के बाद, उन्हें आयरलैंड के खिलाफ़ आगामी श्रृंखला के लिए भी टीम में शामिल किया गया है।
प्रतीका का मानना है कि मनोविज्ञान के अध्ययन ने उनके खेल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैच से पहले सकारात्मक आत्मसंवाद और मानसिक तैयारी उन्हें मैदान पर आत्मविश्वास प्रदान करती है। वह कहती हैं, "जब मैं बल्लेबाजी करती हूं, तो खुद से कहती हूं, 'तुम सर्वश्रेष्ठ हो, तुम यह कर सकती हो'। इस प्रकार की पुष्टि आवश्यक होती है।"
𝙋𝙧𝙖𝙩𝙞𝙠𝙖 𝙍𝙖𝙬𝙖𝙡: 𝙋𝙨𝙮𝙘𝙝𝙤𝙡𝙤𝙜𝙮 𝙢𝙚𝙚𝙩𝙨 𝘾𝙧𝙞𝙘𝙠𝙚𝙩 🤝
— BCCI Women (@BCCIWomen) January 9, 2025
The passion for cricket ❤️
The curiosity of studying the human mind 🧠
...And everything in between 👌👌
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अपने परिवार के समर्थन और कोच दीप्ति ध्यानी के मार्गदर्शन को श्रेय देते हुए, प्रतीका ने खेल और शिक्षा के बीच संतुलन बनाए रखा। बारहवीं कक्षा में उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट से ब्रेक लिया ताकि अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उनके परिवार ने शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया, जिससे वह दोनों क्षेत्रों में सफल हो सकीं।
प्रतीका की कहानी इस बात का प्रमाण है कि मानसिक तैयारी और आत्मविश्वास किसी भी खिलाड़ी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो खेल और शिक्षा के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं, यह दर्शाते हुए कि मनोविज्ञान का ज्ञान खेल में मानसिक दृढ़ता और प्रदर्शन को कैसे बढ़ा सकता है।