Parul Chowdhary: बुदापेस्ट में आयोजित 2023 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 23 अगस्त को, 28 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी पारुल चौधरी ने भारत को गर्व महसूस कराया जब वह स्टीपलचेस के फाइनल में कदम रखी। स्टीपलचेस एक पैरों की दौड़ होती है जो कई रोकटों, खाईयों और पानी जैसे आवरणों पर खेली जाती है। चौधरी मेरठ, उत्तर प्रदेश से हैं। इस खिलाड़ी ने पहले ही जुलाई 2023 में एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 3000 मीटर महिला स्टीपलचेस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है और अब 15 महिलाओं के फाइनल की ओर बढ़ रही हैं, जो 27 अगस्त को होने वाले हैं।
वर्ल्ड चैम्पियनशिप की दौड़ में चमकी भारत की पारुल चौधरी
चौधरी ने आपातकालीन बुदापेस्ट की दिन में अपनी मेहनत और संघर्ष से लड़कर, 2 महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस के हीट में आगे की श्रेणी में बने रहकर पांचवीं जगह पर पहुंची।
चौधरी ने अपनी खुद की बेस्ट रिकॉर्ड को तोड़कर, मई में लॉस एंजिल्स ग्रैंड प्री में पोडियम फिनिश के साथ 9:29.51 सेकंड की बेहतरीन प्रदर्शन की। उन्होंने अब अपने नाम की एक नई रिकॉर्ड बनाई है और हीट 2 में 9:24.29 सेकंड का समय दर्ज किया, पांचवीं जगह सुरक्षित की है, जिससे वह फाइनल में खुद के लिए स्थान बुक कर चुकी है। जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स के स्टार अविनाश साबल ने 5000 मीटर पुरुषों की स्टीपलचेस के फाइनल तक पहुंच नहीं सके, चौधरी की जीत ने चंद्रयान-3 के जश्न के बीच देश की खुशी में चार चांद लगा दिया।
2022 में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में चौधरी ने अपनी 3000 मीटर स्टीपलचेस में नई बेस्ट रिकॉर्ड बनाया था, उस समय 9:38.90 सेकंड के साथ। यह वाकई भारत के लिए एक गर्वनिगर्वक क्षण है कि महिला खिलाड़ियाँ वैश्विक मानकों में अपने नाम बना रही हैं और अपने खुद के व्यक्तिगत रिकॉर्ड को पार कर रही हैं, मेहनत और पैशन की एक अतुलनीय प्रदर्शन की प्रत्यक्षा कर रही हैं।
चौधरी पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं जो ललिता बाबर के बाद विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंची हैं; ललिता ने 2015 के प्री-फाइनल में 8वीं जगह सुरक्षित की थी जबकि चौधरी ने 2023 में 5वीं जगह सुरक्षित की। चौधरी उन्हीं के बाद जेस्विन आल्ड्रिन के बाद दूसरी भारतीय बन गई हैं जिन्होंने 2023 विश्व एथलेटिक्स में फाइनल तक पहुंचा है; जेस्विन ने पुरुषों की लॉन्ग जंप में 8वीं जगह सुरक्षित की थी।
यह भारत के लिए वाकई एक गर्वपूर्ण क्षण है कि महिला खिलाड़ियाँ वैश्विक मंचों पर अपना नाम बना रही हैं और अपने खुद के व्यक्तिगत रिकॉर्ड को पार करके दिखा रही हैं, जिससे वे मेहनत और उत्साह का एक शानदार प्रदर्शन प्रस्तुत कर रही हैं।
चौधरी की उपलब्धि ने न केवल उनकी मेहनत और परिश्रम को साबित किया है, बल्कि यह साबित करती है कि हमारे देश में खिलाड़ियों में उत्कृष्टता की कोई कमी नहीं है। यह वाकई मोहताज है कि हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करें और उन्हें और भी उच्च मानकों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करें। पारुल चौधरी की उच्चाकंक्षा और मेहनत ने उन्हें न केवल खुद के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्वशाली बनाया है। वे दिखा रही हैं कि जब मेहनत और उत्साह मिलते हैं, तो कोई भी मुश्किल नहीं है।"